बुधवार, मई 23, 2007

फिर फैल हुआ शिवराज का बिजलीघर, अघोषित अन्धाधुन्ध विद्युत कटौती चालू आहे

फिर फैल हुआ शिवराज का बिजलीघर, अघोषित अन्धाधुन्ध विद्युत कटौती चालू आहे

 

मुरैना ! ग्वालियर टाइम्स ! 25 सितम्बर भादों का महीना जाते जाते चालू हुयी विद्युत कटौती न केवल बदस्तूर जारी है, बल्कि दिनों दिन बढ़ती ही जा रही है !  

क्वार कनागत लगते ही, दोनो टाइम की जा रही अघोषित विद्युत कटौती शुरू में दो घण्टे कुल जमा चालू की गयी और कनागत गुजरते गुजरते यह जुल्म बढ़ता ही गया ! और अब आधा क्वार का महीना गुजरने के बाद राजनीतिक तौर पर अभिशप्त चम्बल को नवदुर्गा यानि नवरातों में छह से लेकर आठ घण्टे की अनाप शनाप बिजली कटौती झेलना पड़ रही है !  

हालात ये हैं कि बिजली न जाने कब चली जाये और न जाने कब वापस आये कोई ठिया ठौर नहीं ! लोग दुआ कर रहे हैं प्रभु जल्दी से जल्दी बदल जाये सरकार और मिले अंधेर नगरी से राहत ! हालत इतनी खस्ता है कि अपनी वेबसाइट के लिये एक एक समाचार लिखने और तैयार करने के लिये हमें घण्टों इंतजार करना पड़ता है, कभी कभी तो कई दिन तक एक ही लेख बार बार अनेक बार लिख कर भी पूरा नहीं हो पाता ! और बार बार जाती बिजली खासा संदेश दे जाती है कि भईया लौट चलो लालटेन की ओर, ये आई. टी. की तेज रफ्तार का जमाना नहीं बल्कि अठारहवीं सदी का नक्कारखाना है, जहाँ न शिकायत न फरियाद सुनी जाती है बल्कि हुजूर के फेवर में चार लाइनें छापते रहिये, यदि सच बोला तो फिर न कहिये कि सरकार बेकार !  

अगर प्रोफेसर सभरवाल के बेटे ने कहा कि ''मेरा मुंसिफ ही मेरा कातिल है'' इंसाफ क्या खाक करेगा ? तो भईया क्या गलत कहा ?  

सच्चाई तो प्यारे यही है ! वैसे दीपावली तक हमारी वेबसाइट दिल्ली दफ्तर में पहुंच ही जायेगी ! तब शायद बात बन पायेगी !

 

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