शनिवार, सितंबर 06, 2008

सरकार की पिटाई और मराई मामले में 1014 लोगों पर मुकदमे 14 किरारों ने 40 को पीटा, मरणासन्‍न किया जिसमें 20 पुलिस वाले, प्रशासन का हैरत अंगेज केस

सरकार की पिटाई और मराई मामले में 1014 लोगों पर मुकदमे 14 किरारों ने 40 को पीटा, मरणासन्‍न किया जिसमें 20 पुलिस वाले, प्रशासन का हैरत अंगेज केस

Narendra Singh Tomar "Anand"

मुरैना 6 सितम्‍बर 08, आखिर भैस ने पूंछ उठाई और गोबर कर ही दिया । अरे गोबर क्‍या कर दिया पोंक (लूज मोशन) कर दिया ।

4 सितम्‍बर में अंचल में हुये जनता बनाम सरकार संघर्ष में दोनो जन संग्रामों को सरकारी चश्‍में ने अपने नजरिये से नाप तौल लिया है ।

पहला मामला महाराजपुर के किरारों का है, यहॉं प्रलिस और प्रशासन की कुटाई पिटाई के साथ,द बंधक बनाने और मरणासन्‍न व अचेत करने तक कूटने पीटने का काण्‍ड हुआ सरकारी सूत्रान ने कहा था । यह भी कि बिजली चोरी हो रही थी ।

गॉंव में बिजली थी ही नहीं पर चोरी हो रही थी, खैर इस पर एक व्‍यंग्‍य लिखेंगें । दूसरी बात ये कि बीस बिजली वाले, बीस पुलिस वालों को लेकर चोर किसानों को पकड़ने और जेल में ठूंसने गये थे यानि कुल मिला कर अलीबाबा और 40 चोर यानि गब्‍बर बोले तो कित्‍ते आदमी थे, 40 थे पूरे 40 । अब गब्‍बर फिर पूछे कित्‍ते लोगों ने मारा, अब जवाब आया सरकारी कि 14 लोगों ने हुजूर ।

ससुरी हमारी पूरी जिन्‍दगी गणित पढ़ते पढ़ते बीत गयी, हमेशा टॉप किया, कभी गणित में 98 प्रतिशत से कम अंक नहीं आये, हमने जिन्‍दगी में कई दंगे देखे, कई फसाद भी देखे ससुरा ऐसा गणित आज हमारी समझ में नहीं आया कि 14 ग्रामीण किसान 40 सरकारी आदमीयों को कूट दें, पीट दें और बंधक बना लें तथा मरणासन्‍न तथा अचेत भी कर दें ।

भैया हमारे पल्‍ले तो नहीं पड़ा किसी के पल्‍ले पड़ जायेगा तो बता देना ।

पुलिस पर हथियार भी रहते हैं, ऊपर से बाहर से पुलिस बल भी पहुंचा, प्रशासनिक अधिकारी और पुलिस व बिजलीवालों सहित कुल मिला कर करीब 550 से ऊपर आदमी थे । फिर भी 14 निहत्‍थे ग्रामीण किसान 40 या 550 को कूट पीट दें, मेरे पल्‍ले नहीं पड़ी ।

मैं इंजीनियरिंग और एम.एससी करके वकील भी हूं, कानूनी तौर पर ऐसे केस पहले झटके में ही अदालत में उड़ जायेंगें यह मुझे पता है, क्‍योंकि प्रमुख आधारिक तथ्‍य सर्वथा अतार्किक व असंभाव्‍यता पर जुड़ा है ।

कोई भी चतुर वकील सिर्फ एक तर्क में ही बात खत्‍म करवा देगा । खैर महाराजपुर मामला आनन फानन में धोखे से कायम हो गया, पिटने वाले पिट गये, कुटने वाले कुट गये और मरणासन्‍न वाले अस्‍पताली मरघट की खटिया पर चित्‍त पड़े हैं ।

मुख्‍यमंत्री से किरारों के सम्‍बन्‍ध की बात अगर सरकार को पता नही लगती तो क्‍या होता, फिर ये होता नीचे दूसरा मामला उसी दिन का समान घटनाक्रम का देखिये, इसमें सरकार की खुपडि़या फोड़ दी, दांत तोड़ दिये और गाड़ी फूंक दी बताई गयी।

महाराजपुर में प्रशासन मुख्‍यमंत्री के किरारों के सामने पोंक गया (लूज मोशन कर गया) वही बानमोर में एक हजार लोगों पर मामले लादे गये, (है मजे की बात् बानमोर घटनाक्रम में एक हजार लोगों के खिलाफ पुलिस प्रकरण दर्ज किये गये हैं । साली समूची बानमोर को ही क्‍यों नहीं धर दिया एफ.आई.आर में साला सब संकट ही खत्‍म हो जाता ।

अब वे संघर्ष शान्‍त कर रहे थे कि एक हजार लोगों के मुखमण्‍डल चीन्‍ह रहे थे, राम जाने । एक हजार चीन्‍ह लिये हैं सैकड़ों थाने में बन्‍द कर पीट कूट डाले । सरकार खिसया खिसिया कर पोंक रहे हैं ।

पिटे कुटे आदमी अपने घर जाकर सिकाई कराते हैं, चोट पर मल्‍हम लगवाते हैं, और मालिशमत्‍ता करवा करू कर हड्डी पसली चेक कराते हैं । कहॉं यार हजार लोगों के मुख मण्‍डल पहचान पहचान कर ढ़ढ़ते फिर रहे हो, अब कुट पिट तो गये ही, हजारों को अदालत ले जाकर का करोगे । वैसे ही फोकट बरी हो जायेंगें । तुम खिसियाये फिर रहे हो, जनता तुम से ज्‍यादा खिसिया जायेगी, और अबकी बार मारेगी तो और ज्‍यादा मारेगी ।

साला चार दिन चम्‍बल का पानी लिये हो, तुम भी बदला बदला नर्राने लगे । पुलिस कायमी कराना, जेल में ठूंसना चम्‍बल में बदला नहीं माना जाता भइये ।

बदला लेना ही है तो, जनसेवा करो प्‍यारे, गरीब की फरियाद सुनो, मजबूर को सहारा दो, रोते के ऑंसू पोंछों । आत्‍मा शान्‍त हो जायेगी, चित्‍त में धीरज आ जायेगा । काहे काे चम्‍बल की धरती पर एक महाभारत और एक घमासान का शिलान्‍यास कर रहे हो, ससुरा मंत्रियों से सीख गये हो पत्‍थर गाड़ना और रिमोटी शिलान्‍यास ।

खैर ये वक्‍त बतायेगा कि क्‍या करना उचित था और आप क्‍या गलत कर बैठे ।

हमें बात जमी नहीं दोस्‍त, पब्लिक पर मुकदमे बाजी जमी नहीं, अपनी ऑंख का टैंट देखो, लोक सेवक हो, लोक सेवक बन जाओ, जनता तुम्‍हारी माई बाप और अन्‍नदाता है, इस पर इतना जुल्‍म न ढाओ कि अबकी बार दांत तोड़ने और सिर फोड़ने के बजाय कुछ और गंभीर कर डाले । जन आक्रोश को स्‍वीकार करो, समस्‍या सुलझ जायेगी । वरना और पिटोगे । जनता की सुनो, जनता की करो, जनता का हुक्‍म मानो, नेता मंत्री ससुरे चार दिना के हैं फिर अंधेरी रात है, अंध भक्ति अच्‍छों अच्‍छों को मरवा डालती है ।

क्‍या साला 14 ने 40 को कूटा 550 को खदेड़ा, बानमोर में एक हजार ने भभ्‍भर किया, बात कुछ हजम नहीं हो रही । पूरे मुरैना जिला को ही क्‍यों नहीं साला ठोक के बन्‍द कर देते । क्‍योंकि भैया हम ज्‍योतिषी भी हैं और ज्‍योतिष कहता है कि नहीं सुधरे तो और कुटोगे ।

शुक्रवार, सितंबर 05, 2008

चम्‍बल में किसानों की बगावत, बिजली कटौती से गुस्‍साये किसानों ने बिजली कर्मियों और पुलिस को धुना, बिजली घर का जे.ई. मरणासन्‍न हालत में अस्‍पताल में भर्ती

चम्‍बल में किसानों की बगावत, बिजली कटौती से गुस्‍साये किसानों ने बिजली कर्मियों और पुलिस को धुना, बिजली घर का जे.ई. मरणासन्‍न हालत में अस्‍पताल में भर्ती

घटना के बाद समूची चम्‍बल की बिजली दिन भर के लिये काटी, किसानों के गॉंवों की बिजली सप्‍लाई स्‍थायी रूप से बन्‍द की  

मामला मुख्‍यमंत्री के नजदीकी बिरादरी वालों का, गंभीर हो सकते हैं अंजाम

मुरैना महाराजपुर में जनता और सरकार के बीच हुयी जंग में एक खास पहलू यह भी है कि सम्‍पूर्ण महाराजपुर और उसके आसपास के गॉंव किरार जाति समुदाय के हैं । घटनाक्रम में जो लोग मुल्जिम बनाये गये हैं या जिनसे पुलिस, प्रशासन व बिजलीकर्मियों का युद्ध हुआ है वे सभी किरार हैं । और इस क्षेत्र के सारे किरार शिवराज सिंह के अंधे समर्थक एवं शिवराज सिंह से शक्ति प्राप्‍त हैं । इस क्षेत्र के किरार धन बल, जनबल एवं बाहुबल में काफी समृद्ध एवं शक्तिशाली हैं । मुख्‍यमंत्री से सीधे जुड़े होने तथा मुख्‍यमंत्री का समर्थन व संरक्षण होने से दु:साहस इन किरारों में स्‍वत: ही आ गया है ।  ये लोग मुख्‍यमंत्री को किरारों का गौरव और नक्षत्र बताकर सम्‍मानित एवं अभिनन्दित भी कर चुके हैं ।

मुरैना 4 सितम्‍बर आज प्रात: चम्‍बल में मुरैना शहर के नजदीकी गॉंव महाराजपुर के किसानों और बिजली घर कर्मियों तथा पुलिस के बीच जम कर दंगा और उपद्रव हुआ जिसमें सारे ग्रामीण और किसान पुलिस और बिजली कर्मियों पर टूट पड़े, और पुलिस तथा बिजली वालों की जम कर धुनाई पिटाई कर डाली जिसके दौरान बिजली घर का जे.ई. फेरन सिंह तोमर मारपीट से मरणासन्‍न हो कर अचेत हो गया, गंभीर अवस्‍था में उसे अस्‍पताल में भर्ती कराया गया है ।

प्राप्‍त जानकारी के अनुसार चम्‍बल में चल रही भारी बिजली कटौती से अंचल की जनता में भारी आक्रोश व रोष व्‍याप्‍त है जिसका आज तेज असर किसानों और ग्रामीणों की भड़ास के रूप में निकला । एक तो अंचल में बिजली नहीं दी जा रही, ऊपर से किसानों को अनाप शनाप बिजली के बिल थमा कर उन्‍हें जबरदस्‍ती भरने को मजबूर किया जाता है, अन्‍यथा उनके खिलाफ फर्जी मुकदमे और पुलिस प्रकरण कायम कर उन्‍हें जेलों में ठूंस कर उनके घरबार, खेत खलिहानों, पशुओं और सामान की कुर्की करा ली जाती है । जिससे चम्‍बल के किसान काफी समय से भरे बैठे हैं, अम्‍बाह, जौरा और पोरसा जैसी घटनाओं के बाद एक गंभीर घटना के रूप में आज की घटना का परिदृश्‍य उभर कर सामने आया है । अम्‍बाह पोरसा काण्‍ड में जनता और पुलिस के बीच हुये संघर्ष व संग्राम का एक छोटा सा सीन इस घटनाक्रम में नजर आया जिसमें पुलिस, बिजली कर्मी और जनता फिर एक बार आमने सामने आ गयी । जनता फिर यहॉं भारी पड़ी और फिर एक बार भाजपा सरकार के ही राज में (अम्‍बाह पोरसा काण्‍ड भी भाजपा शासन काल के इसी सत्र में हुआ था) जनता और सरकार के बीच तगड़ा संग्राम हुआ, और जनता ने सरकार को न केवल बंधक बना लिया अपितु खदेड़ खदेड़ कर घसीट घसीट कर पीटा  

बिजली विभाग और पुलिस का कहना है कि वे ग्राम महाराज पुर में बिजली चोरी पकड़ने गये थे (उल्‍लेखनीय है कि चम्‍बल के गांवों में बिजली है ही नहीं , गांव वालों ने बिजली का प्रायवेट तार खींच कर एक जुगाड़ बना कर अन्‍यत्र से बिजली ले रखी थी जिस पर पूरे पूरे दिन और पूरी पूरी रात कटौती चल रही थी, मजे की बात यह भी है कि स्‍थानीय उद्योगों और कारखानों में करोड़ों की बिजली चोरी खुद बिजली वाले ही कराते हैं, महाशय उन्‍हें कभी पकड़ने नहीं जाते, इनसे एवज में हर माह दो करोड़ रूपये रिश्‍वत वसूली जाती है, तर्क है कि सौ पचास या ढाई सौ रूपये के मजबूर गरीब किसानों को चोर बनाने और जेल में ठूंसने गये थे)

मुतल्लिक सरकारी सूत्रान इन्‍हें देख ग्रामीण और किसान भड़क कर इन पर टूट पड़े और सबको बंधक बना कर धुन पीट दिया । बाद में मौके पर मुरैना कलेक्‍टर श्री रामकिंकर गुप्‍ता और पुलिस अधीक्षक मुरैना संतोष सिंह (ये अधिकारी जनता की बिजली समस्‍या पर कभी नहीं चेतते न पहुँचते न जनता की हिमायत और शिकायत दूर करते हैं) पहुंचे, इसके बाद भारी संख्‍या में अतिरिक्‍त पुलिस बल बुलाया गया और बंधक बनाये अधिकारीयों को छुड़ाया, इसके बाद ग्राम पंचायत महाराजपुर और उसके सभी संलग्‍न गांवों की बिजली सप्‍लाई तथा कनेक्‍शन पूर्णत: काट दी गयी ।

असल हकीकत क्‍या हुआ था वहॉं

असल घटनाक्रम और प्रत्‍यक्ष घटनादर्शीयों के बयान सरकारी बयान से मेल नहीं खाते,

असल घटनाक्रम और बकौल जनता-

बिजली कर्मियों और पुलिस की पिटाई से खुश था सारा शहर महाराजपुर के घटनाक्रम की खबर शहर में जंगल की आग की तरह फैल गयी, जिसके भी मुँह से निकला, सिर्फ वाह बहुत अच्‍छा हुआ निकला, लगभग सौ प्रतिशत ने सिफ यही कहा कि इन सालों में तो रोज ही ऐसे ही पड़नी चाहिये, सालों ने जीना हराम कर दिया है । चौतरफा जनता में प्रसन्‍नता की लहर थी । किसी एकमात्र ने भी नहीं कहा कि यह गलत हुआ ।

महाराजपुर में है सारे शहर की बिजली सप्‍लाई का मुख्‍य सब स्‍टेशन

महाराजपुर में सारे मुरैना शहर की बिजली सप्‍लाई का बृहद सबस्‍टेशन है मुरैना शहर और आसपास की ग्राम पंचायतों की बिजली सप्‍लाई तथा बिजली कटौती यहीं से नियंत्रित होती है, यहॉं पदस्‍थ अधिकार कर्मचारी मनमर्जी मनमानी बिजली कटौती अपने स्‍तर पर करते रहते हैं ।

आज का घटनाक्रम-

भारी बिजली कटौती से नाक तक भरे बैठे, ग्रामीणों की प्रायवेट तार लाइनों को बिजली वाले काट कर ले गये जिसकी खबर अंचल में फैलते ही जनता आक्रोशित हो गयी जनता ने मौके पर विरोध किया जिस पर पुलिस ने किसानों और ग्रामीणों पर लाठीचार्ज कर दिया । जिसमें कई लोग बुरी तरह घायल हो गये, कुछ लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया ।

धीरे धीरे भारी संख्‍या में ग्रामीण जनता एकत्रित हो गयी, महिलायें औंर बच्‍चे भी निकल कर मैदान में आ गये । जम कर पथराव हुआ, दोनो ओर से लठ्ठ चले, भारी संख्‍या में किसान और ग्रामीण, उनकी महिलायें तथा बच्‍चे घायल हो गये तथा कई गंभीर अवस्‍था में पहुंच गये । बाद में पहुँची भारी संख्‍या के पुलिस बल ने जम कर महिलाओं, बच्‍चों किसानों और ग्रामीणों पर लाठीयां भांजीं ।

दोनो ओर से चले इस युद्ध के बाद घटनाक्रम में पिट कुट कर गंभीर रूप से घायल जे.ई. फेरन सिंह तोमर को मरणासन्‍न व अचेत हालत में अस्‍पताल में भर्ती किया गया ।

ग्रामीण किसानों और महिला बच्‍चों के खिलाफ पुलिस कार्यवाही करने और जेलों में ठूंसने की प्रशासन ने धमकी दी है । घायल ग्रामीणों की फरियाद सुनने और चिकित्‍सापर्यादि से प्रशासन व पुलिस ने सर्वथा मना कर दिया है ।

समूची चम्‍बल की बिजली की काटी

इस घटनाक्रम से खिसियाये झल्‍लाये बिजली कर्मियों ने समची चम्‍बल की बिजली आज दिन भर के लिये काट दी जिससे मुरैना व भिण्‍ड शहर सहित समस्‍त गॉंवों में आज दिन भर बिजली बन्‍द रही ।

देर रात दस बजे (समाचार लिखे जाने के वक्‍त यह बिजली कटौती जारी थी )  

बिजली कर्मी घर छोड़ छोड़ कर भागे, अधिकारी परिवार सहित चम्‍पत हुये

महाराजपुर के घटनाक्रम की खबर सुनकर मुरैना शहर में रहने वाले बिजली कर्मी अपने घर छोड़ छोड़ कर भाग गये, उन्‍हें लगा कि शहर में इससे अधिक खतरनाक आक्रोश व्‍याप्‍त है और यहॉं हालत और भी बुरी हो सकती है । बिजली घर के सभी बड़े अधिकारी भी पिटाई के डर से शहर मुरैना से अपने परिवारों सहित भाग खड़े हुये, एस.ई. ए.ई. डी.ई. आज सभी मय परिवार चम्‍पत थे ।

 

सरकार ने बन्‍द कराये फोन, मोबाइल और इण्‍टरनेट

चम्‍बल में मचे कोहराम तथा जनता और सरकार के बीच हुये खुलेआम संघर्ष की खबरों को नियंत्रित करने व मीडिया डीलिंग के लिये दोपहर 12 बजे से समूची चम्‍बल में प्रशासन ने फोन, मोबाइल और इण्‍टरनेट सेवायें ब्‍लॉक करवा दीं ।

स्थिति इतनी अधिक बदतर रही कि वायरलेस इण्‍टरनेट सेवायें भी चम्‍बल घाटी में दूसरे दिन सुबह पॉंच बजे तक ठप्‍प रहीं । इस बीच प्रशासन पत्रकारों को अपने फेवर में खबर लिखने के लिये साम दाम दण्‍ड भेद के जरिये साधता रहा ।

लगभग हर कम्‍पनी चाहे एयरटेल हो चाहे सरकारी क्षेत्र की बी.एस.एन.एल. सभी कम्‍पनीयों की समूची सेवायें 4 सितम्‍बर दोपहर बजे से 5 सितम्‍बर सुबह 5 बजे तक बन्‍द रहीं । एयरटेल ने जहॉं सेवायें बन्‍द करने के लिये डिस्‍कनेक्‍शन और सिग्‍नल जाम का सहारा लिया, उसका कस्‍टमर केयर सेण्‍टर इस दरम्‍यान पूरी तरह बन्‍द रहा । वहीं बी.एस.एन.एल. 3पी डिस्‍कनेक्‍शन और सिगनल जाम रखे । बी.एस.एन.एल. का कस्‍टमर केयर भी इस दरम्‍यान पूरी तरह ठप्‍प रहा । यही हालत आइडिया तथा अन्‍य कम्‍पनियों की सेवाओं की रही । देर रात तक प्रशासन मीडिया को सैटल करने में लगा रहा ।  

भाजपा के इसी सरकार के ही कार्यकाल में प्रशासन की यह अंचल में तीसरी बार मोबाइल, फोन और इण्‍टरनेट बन्‍द कराने की कवायद थी । इससे पहले अम्‍बाह पोरसा काण्‍ड और जगजीवन परिहार मुठभेड़ काण्‍ड के वक्‍त भी अंचल में प्रशासन ने फोन, मोबाइल और इण्‍टरनेट सेवायें बन्‍द करवा दीं थीं ।

 

इण्‍टरनेट चालू होते ही फिर काटी बिजली

सुबह पॉंच बजे जैसे ही 5 सितम्‍बर को इण्‍टरनेट चालू हुआ वैसे ही प्रशासन ने अंचल की बिजली फिर काट दी जो कि फिर लौट कर ही नहीं आयी ।        

 

गुरुवार, सितंबर 04, 2008

बुधवार गणेश चतुर्थी पर भी नहीं रही बिजली

बुधवार गणेश चतुर्थी पर भी नहीं रही बिजली

मुरैना 4 सितम्‍बर 08 । हिन्‍दूओं के प्रथम आराध्‍य भगवान श्री जी अर्थात श्री गणेश की स्‍थपना व प्रतिष्‍ठा भी चम्‍बलवासीयो को बिन बिजली के ही करनी पड़ी । बुधवार को दिन भर गायब रहने के बाद शाम को स्थिति इतनी बदतर थी कि लोगों को भगवान गणेश की पूजा आरती भी अंधेरे में श्री गणेश के दीपक के सहारे ही करनी पड़ी ।

 

प्रथम आराध हिन्‍दून कें विनती है कर जोरि

विनती है कर जोरि, कष्‍ट सुनहु प्रभु मोरि ।

हिन्‍दूवादी दे रहे हिन्‍दून कष्‍ट अनेक

ऐन चौथ गणेश की बिजली ना अभिषेक ।

बिजली ना अभिषेक प्रभु श्री जी हैं आये

कहत प्रभु श्री राज शिव्‍बू मति पाप हैं छाये ।

दे रह्यो कष्‍ट अनेक, असुर बन सत्‍ता में आयो

प्रभु तुम ही रखियो लाज सिन्‍दूरासुर सो धरियो ।

बिन पूजा औ आरती कैसो भयो कलेश

कैसो तेरो आगमन, पूजेंहिं तोहि गणेश । 

पाप छा गयो असुर पर मारी मति करतार

लाज राखियो गणपति, कर देओ बंटाढार ।

गुण्‍डा लुंगा पहनकें भगवा रंग तुम्‍हार

सौ सौ चूहा खाय कें बिल्‍ली हजहि हजार ।

बिल्‍ली हजहि हजार, हिन्‍दून पे संकट भारो

कीजो प्रभु संकट हरण, नकली हिन्‍दून ते म्‍हारो ।

मंगलवार, सितंबर 02, 2008

उमा भारती के कार्यक्रम और भाषण के दौरान बिजली काटी, अंधेरे में बिना माइक के जम कर गरजीं भाजश नेता

उमा भारती के कार्यक्रम और भाषण के दौरान बिजली काटी, अंधेरे में बिना माइक के जम कर गरजीं भाजश नेता

मंगलवार को सुबह छ: बजे से गोल है बिजली

मुरैना 2 सितम्‍बर 08, आज सुबह छ : बजे से शहर मुरैना में रात्रि 9 बजे तक समाचार लिखे जाने के वक्‍त तक बिजली पूरी तरह गोल है । आज दिन भर पूर्णत: बिजली बन्‍द रहने के बाद शाम सात बजे आयी बिजली भाजशपा नेता उमा भारती के कार्यक्रम प्रांरंभ होते ही फिर गुल हो गयी, और उमा भारती के कार्यक्रम के दौरान हर तीन मिनिट बाद बिजली गुल होती रही, सुश्री भारती ने अपने भाषण का अधिकांश भाग अंधेरे में ही पूरा किया, इस दौरान बिजली कटौती के कारण कई बार माइक और लाउडस्‍पीकर बन्‍द होने से उमा भारती के भाषण का अधिकांश भाग जनता नहीं सुन सकी ।    

 

मंगलवार को सुबह छ: बजे से गोल है बिजली

उमा भारती के कार्यक्रम और भाषण के दौरान बिजली काटी, अंधेरे में बिना माइक के जम कर गरजीं भाजश नेता

मंगलवार को सुबह छ: बजे से गोल है बिजली

मुरैना 2 सितम्‍बर 08, आज सुबह छ : बजे से शहर मुरैना में रात्रि 9 बजे तक समाचार लिखे जाने के वक्‍त तक बिजली पूरी तरह गोल है । आज दिन भर पूर्णत: बिजली बन्‍द रहने के बाद शाम सात बजे आयी बिजली भाजशपा नेता उमा भारती के कार्यक्रम प्रांरंभ होते ही फिर गुल हो गयी, और उमा भारती के कार्यक्रम के दौरान हर तीन मिनिट बाद बिजली गुल होती रही, सुश्री भारती ने अपने भाषण का अधिकांश भाग अंधेरे में ही पूरा किया, इस दौरान बिजली कटौती के कारण कई बार माइक और लाउडस्‍पीकर बन्‍द होने से उमा भारती के भाषण का अधिकांश भाग जनता नहीं सुन सकी ।    

 

सोमवार को चार बार कटी बिजली

सोमवार को चार बार कटी बिजली

मुरैना 2 सितम्‍बर 08, सोमवार 1 सितम्‍बर को सुबह साढ़े छ: बजे से प्रारंभ हुयी बिजली कटौती शाम साढ़े सात बजे तक कटती रही । दिन भर में कुल छ: बार कटी बिजली कुल 7 घण्‍टे तक कुल मिला कर गुल रही ।

 

सोमवार, सितंबर 01, 2008

भारी अघोषित बिजली कटौती बदस्‍तूर जारी, इस सप्‍ताह कुछ यूं कटी बिजली

भारी अघोषित बिजली कटौती बदस्‍तूर जारी, इस सप्‍ताह कुछ यूं कटी बिजली

मुरैना 1 सितम्‍बर 08, अगस्‍त के अंतिम सप्‍ताह में भी भारी बिजली कटोती चम्‍बल घाटी में जारी रही । अघोषित व अन्‍धाधुन्‍ध की जा रही इस बिजली कटौती का सोमवार 25 अगस्‍त का हाल समाचार आप पढ़ चुके हैं । अब मंगलवार से रविवार 31 अगस्‍त तक का ताजा समाचार इस प्रकार है-

मंगलवार 26 अगस्‍त को सुबह साढ़े पॉंच बजे प्रांरंभ हुयी बिजली कटौती के कारण देर रात 8 बजे तक पूर्णत: समूची चम्‍बल घाटी में बिजली बन्‍द रही । इसके बाद हर एक घण्‍टे बाद रात ढाई बजे तक आध आध घण्‍टे के लिये बिजली कटती रही ।

बुधवार 27 अगस्‍त को सुबह साढ़े चार बजे से बिजली कटौती प्रारंभ हुयी, नियमित (वर्ष भर रोजाना) होने वाली तीन घण्‍टे की बिजली कटौती (प्रात: आठ बजे से दोपहर 11 बजे तक के बाद हर घण्‍टे बाद आधा आधा घण्‍टे के लिये बिजली रात डेढ़ बजे तक कटती रही ।

गुरूवार 28 अगस्‍त को प्रात: साढ़े छ: बजे प्रारंभ हुयी बिजली कटौती बुधवार की तरह रात साढ़े 11 बजे तक चलती रही ।

शुक्रवार 29 अगस्‍त को भी प्रात: साढ़े छ: बजे से प्रारंभ हुयी बिजली कटौती रात साढ़े 12 बजे तक बुधवार की तरह चलती रही ।

शनिवार 30 अगस्‍त का हाल शुक्रवार की तरह रिपीट हुआ ।

रविवार 31 अगस्‍त को सारे दिन सुबह साढ़ छ: बजे से प्रांरंभ हुयी बिजली कटोती नियमित कटौती के साथ ही सारा दिन रात 10 बजे तक कटती रही ।