सोमवार, अक्तूबर 09, 2006

मध्‍यप्रदेश के स्‍कूल शिक्षा मंत्री बैठक लेते हुये (चित्र)

 

 

मध्‍यप्रदेश के स्‍कूल शिक्षा मंत्री नरोत्‍तम मिश्र बैठक लेते हुये (चित्र)

 

बसपा नेता कांशीराम के निधन पर राजद ने शोक वयक्त किया

बसपा नेता कांशीराम के निधन पर राजद ने शोक वयक्त किया

भोपाल ! राष्ट्रीय जनता दल मध्यप्रदेश द्वारा बहुजन समाज पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व अध्यक्ष कांशीराम के निधन पर शोक व्यक्त किया है ! राजद ने कहा है कि देश ने दलितों के हित के लिये ताजिन्दगी समर्पित रहे एक महान व अद्वितीय नेता खो दिया है ! कांशीराम द्वारा किये गये कार्य सदा अनुकरणीय रहेंगें ! दलितों के हित चिन्तक कांशीराम की भरपाई कभी संभव नहीं है , उनका राजनीतिक स्थान सदैव रिक्त रहेगा !

राजद प्रदेश अध्यक्ष डॉ. ओ.पी.सिंह यादव प्रदेश महासचिव नरेन्द्र सिंह तोमर''आनन्द'' आदि ने स्व. कांशीराम को अश्रुपूरित व भावभीनी श्रंध्दांजलि अर्पित की ! 

 

 

चाइल्ड हेल्पलाइन - 1098

चाइल्ड हेल्पलाइन - 1098
रतन साल्दी

भारत में महिलाओं के साथ-साथ बच्चे भी समाज का सबसे कमजोर वर्ग हैं । देश में लगभग 44 करोड़, यानी कुल आबादी की एक तिहाई जनसंख्या 18 वर्ष से कम आयु के लोगों की है और बच्चों की संख्या हमारी आबादी का लगभग 19 प्रतिशत है । आर्थिक क्षेत्र में भारत ने बहुत प्रगति की है और नियोजकों को उम्मीद है कि इस साल सकल घरेलू उत्पाद में 8 प्रतिशत की विकास दर होगी । प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह तो एक कदम और आगे जाते हैं और आशा वयक्त करते हैं कि कृषि और सम्बध्द क्षेत्रों में बेहतर स्थिति के चलते आर्थिक विकास की दर्ज 10 प्रतिशत तक जा सकती है। लेकिन  लाखों-करोड़ों बच्चों के लिए इसका क्या मतलब हो सकता है, जो बेहद गरीबी की हालत में रह रहे हैं और अपने बचपन से वंचित हैं । क्या इनकी परेशानी और शोषण दूर हो जाएंगे जो हर रोज उन्हें झेलने पड़ते हैं । लाखों बच्चे हर रोज अपने मालिकों, परिवार के सदस्यों, यहां तक कि अनजान लोगों की हिंसा का शिकार होते हैं । आर्थिक कारणों की वजह से वे स्कूल भी नहीं जाते हैं। बल्कि खेतों, कारखानों और घरों में छोटे-छोटे कामों के लिए उन्हें बाल मजदूर के रूप में रखा जाता है जहां उन्हें दुर्दशा, दुरुपयोग और अपमानजनक स्थिति से गुजरना पड़ता है। तपतपाती गर्मी में पसीने से तर-बतर होकर उन्हें चुपचाप सर झुकाए काम करना पड़ता है और वे ऐसी जगहों पर हर रोज कई-कई घंटे काम करते हैं, जहां अंधेरा और उमस होती है और रोशनदान नहीं होते, जिससे उनकी जान को खतरा रहता है । लाखों बच्चे इस समय खेती, उद्योग, हथकरघा क्षेत्र और ईंटों के भट्ठों में मामूली मजदूर के रूप मे काम करते हैं और अपने घरों तक माता-पिता की देखभाल से दूर रहते हैं । क्या भारत की बढती विकास दर से, जिसकी दुनियाभर में तारीफ हो रही है, कभी देश के दूर-दराज के इलाके में छोटे-से बच्चे के चेहरे पर मुस्कान आ सकेगी । निकट भविष्य में इस सवाल का जवाब पाना बहुत मुश्किल है, लेकिन सरकार, सभ्य समाज और बड़ी संख्या में गैर-सरकारी संगठन  इस विशाल कार्य में लगे हुए हैं ।

चाइल्ड लाईन फोन सेवा

       चाइल्ड लाईन फोन सेवा उन बच्चों के लिए दिन-रात चलने वाली आपात सेवा है, जिन्हें दिन को या रात को, किसी भी समय देखभाल और सुरक्षा की आवश्यकता होती है । ऐसे बच्चों की समस्याओं को समझने और दूर करने के लिए 24 घंटे की टेलीहैल्प लाईन - चाइल्ड लाईन 1098 शुरू की गई है । चार अंकों की यह नि:शुल्क लाईन है, जिससे किसी बच्चे की फोन कॉल पास के चाईल्ड लाईन कॉल सेन्टर से जुड़ जाती है । ये समस्याएं अलग-अलग बच्चों की होती हैं, वे बच्चे-जो गलियों में घूमते हैं और युवा, जो शहर की गलियों में अकेले रहते हैं, असंगठित क्षेत्र के बाल मजदूर, वे बच्चे जिनका गलत इस्तेमाल होता है, वे बच्चे जिनका पूरा विकास नहीं होता, वे बच्चे जो नशे के आदि हो जाते हैं, वे बच्चे जो गैर-कानूनी काम करते हैं, बच्चे जो कानून से उलझ जाते हैं, बच्चे जो संस्थाओं में रहते हैं, मानसिक रूप से बीमार बच्चे, एचआईवीएड्स या लम्बी बीमारियों से प्रभावित बच्चे, संघर्षों और विपत्तियों से प्रभावित बच्चे, राजनीतिक उथल-पुथल से शरणार्थी बने बच्चे, वे बच्चे जिनके परिवार संकट में हैं, कुपोषण का शिकार बच्चे, निरक्षर बच्चे आदि ।

दस-नौ-आठ

       संख्या 1098 सही तरह से चुनी गई संख्या है। हिन्दी में इसे दस-नौ-आठ पढक़र आसानी से याद रखा जा सकता है । चाईल्ड लाईन इंडिया फाउंडेशन का एक धर्मार्थ संगठन के रूप में पंजीकरण हुआ है और इसका अपना एक न्यासी बोर्ड है । चाईल्ड लाईन फोन सेवा को महिला और बाल विकास मंत्रालय का सहयोग प्राप्त है और यह राष्ट्रव्यापी स्तर पर गैर-सरकारी संगठनों, द्विपक्षीय और अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों तथा निगमित कंपनियों की मदद से चलती है ।

74 नगरों में फोन सेवा

       इस समय चाईल्ड लाईन फोन सेवाएं 74 शहरों में चल रही हैं । ये शहर हैं-- अगरतला, अहमदाबाद, अकोला, इलाहाबाद, अलवर, अमरावती, औंरंगाबाद, बंग्लौर, बड़ौदा, भोपाल, भुवनेश्वर, चण्डीगढ, क़ुडालूर, चैन्नई, कायम्बतूर, दिल्ली, पूर्व मेदनीपुर, गोवा, गोरखपुर, गुवाहाटी, हैदराबाद, इम्फाल, इंदौर, जम्मू, जयपुर, कल्याण, कांचीपुरम, कन्याकुमारी, कराईकल, कोच्ची, कोलकाता, कोवलम, कोटा, कोझीकोड, कच्छ, लखनऊ, मंगलौर, मदुरै, मुम्बई, मुर्शिदाबाद, नादिया, नागापट्टिनम, नागपुर, नासिक, न्यू जलपाईगुडी, पटना, पोर्टब्लेयर, पुणे, पुरी, राउरकेला, रांची, सेलम, शिलांग, शोलापुर, दक्षिण 24 परगना, तिरूअनंतपुरम, थिरूनेलवेल्ली, त्रिशूर, तिरुचिलापल्ली, उदयपुर, उज्जैन, वाराणसी, विजयवाड़ा, विशाखापट्टनम, वायनाड, पश्चिम मेदनीपुर, आगरा, गुडगांव, शिमला, लुधियाना।  

       हर रोज 1500 सामाजिक कार्यकर्ता और 155 बाल अधिकार नेता, 83 चाईल्ड लाइन कॉल सेंटर और 33 सहयोग सेवा केन्द्र चलाते हैं, 6000 कॉलें दर्ज करते हैं और 2000 बच्चों तक पहुंचते हैं तथा मीडिया और बाल संरक्षण एजेंसियों के साथ काम करते हैं, सेंकड़ों सहयोगी संगठनों से तालमेल करते हैं, परिवारों को परामर्श देते हैं, प्रयत्यपर्ण के लिए प्रयास करते हैं और एक दूसरे के साथ बातचीत के जरिए सहमति बनाते हैं 

एक करोड़ कॉलें प्राप्त 

       1098 नम्बर अब संकट में घिरे बच्चों की जिंदगियां बदलने का एक बहुत महत्वपूर्ण साधन बन गया है । बच्चे इस सेवा को पहचानते हैं । अब तक इस नम्बर पर 99 लाख से अधिक कालें प्राप्त की जा चुकी हैं ।

       ऐसी योजना है कि कुछ समय के अंदर इन सेवाओं को धीरे-धीरे देश के सभी जिलों या बड़े शहरों में उपलब्ध कराया जाए । इस सेवा का उपयोग सरकारी-निजी भागीदारी के अंतर्गत बाल संरक्षण कार्यक्रमों के नियोजन, कार्यान्वयन, निरीक्षण और निगरानी के लिए किया जाएगा । बच्चों के लिए राष्ट्रीय कार्य योजना, 2005 के अंतर्गत किशोरों को न्याय दिलाने के अधिनियम 2000 को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए और कमजोर तथा बेसहारा बच्चों के लिए उपलब्ध में तालमेल सुनिश्चित करने के लिए, राज्य बाल संरक्षण यूनिट और जिला बाल संरक्षण यूनिट स्थापित किए जाएंगे।  (पसूका)


# वरिष्ठ पत्रकार और पूर्व निदेशक समाचार, आकाशवाणी

 

अनुत्तीर्ण विषयों की परीक्षा के लिए विशेष अनुकम्पा अवसर

अनुत्तीर्ण विषयों की परीक्षा के लिए विशेष अनुकम्पा अवसर

ग्वालियर 8 अक्टूबर 2006

       शासकीय महिला पोलीटेक्निक कॉलेज के सत्र 1999- 2000, 2000-2001 , 2001-2002  और 2002-2003 में संचालित पाठयक्रमों को निर्धारित समयावधि में उत्तीर्ण नहीं कर पाने वाली छात्राओं को दिसम्बर 06 की परीक्षा में बैठने के लिए विशेष अनुकम्पा अवसर प्रदान किया जायेगा । प्राचार्य के अनुसार सम्बंधित छात्रायें प्रति विषय 140 रूपये और अधिकतम 100 रूपये के शुल्क सहित 14 अक्टूबर तक आवेदन पत्र जमा कर सकती है । विलम्ब शुल्क 100 रूपये सहित आवेदन पत्र जमा करने की तिथि 18 अक्टूबर रहेगी ।

 

जप्त सम्पति की नीलामी 19 अक्टूबर को

जप्त सम्पति की नीलामी 19 अक्टूबर को

ग्वालियर 8 अक्टूबर 2006

आनंद गृह निर्माण समिति के अध्यक्ष श्री नरेन्द्र सिंह पर जिला पंजीयक के खाते में देश 41 लाख 97 हजार 135 रूपये की बसूली के लिए गोला का मंदिर स्थित भवन कुर्क किया गया है । अपर तहसीलदार श्री मुकुल गुप्ता के अनुसार देय राशि का भुगतान नहीं करने की स्थिति में जप्त सम्पत्ति की सार्वजनिक नीलामी कार्यालय गोरखी में 19 अक्टूबर को प्रात: 11 बजे की जायेगी ।

 

डेंगू के उपचार की समुचित व्यवस्था

डेंगू के उपचार की समुचित व्यवस्था

ग्वालियर 8 अक्टूबर  2006

       जिले में संभावित डेंगू के बचाव और उपचार हेतु प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित की जा चुकी है। संभागायुक्त डा. कोमल सिंह और कलेक्टर श्री राकेश श्रीवास्तव के निर्देशानुसार डेंगू से बचाव और उपचार की समुचित व्यवस्थायें सभी शासकीय चिकित्सालयों में करा दी गई है ।

       मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा. अर्चना शिंवगेकर ने बताया कि जिले में अभी तक शासकीय अथवा अशासकीय चिकित्सालयों से डेंगू बुखार के किसी भी मरीज की पुष्टि नहीं हुई है । फिर भी एहतियात के तौर पर सभी शासकीय स्वास्थ्य संस्थाओं के साथ - साथ निजी नर्सिंग होम, हास्पीटल को डेंगू पाये जाने की स्थिति में तत्काल मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय को सूचना देने हेतु निर्देशित कर दिया गया है । इसके अलावा सभी पैथौलॉजी लैब संचालकों को भी डेंगू का संभावित सकारात्मक प्रकरण पाये जाने पर उसका ब्लड सीरम कोल्ड चैन में उपलब्ध कराने की हिदायत दी गई है । ताकि उसकी पुष्टि शासन द्वारा नियत नेशनल लैव में भी करायी जा सके ।

       जिले में अभी तक डेंगू का कोई संभावित केस होने की पुष्टि नहीं हुई है, फिर भी शासन के निर्देशानुसार डेंगू के संभावित केसों की मोनीटरिंग की दृष्टि से सीएमओ कार्यालय में जिला स्तरीय कन्ट्रोल रूम स्थापित किया जा चुका है, जो प्रात: 8 बजे से रात्रि 10 बजे तक खुला रहेगा इस कंट्रोल रूम का दूरभाष क्रमांक 2452994 रहेगा तथा नोडल अधिकारी डा. डी.के. गोस्वामी रहेंगे । सभी खण्ड चिमिकत्सा अधिकारियों को भी खण्ड स्तरीय कन्ट्रोल रूम स्थापित करने के निर्देश दिए गए है ।

       नागरिकों से डेंगू से किसी भी प्रकार से भयभीत न होने की अपील करते हुए अनुरोध किया गया है कि वे डेंगू से बचाव के लिए मच्छरों को नियंत्रित करने का उपाय करें तथा बुखार की स्थिति में निकट के चिकित्सालय में जाकर चिकित्सक की सलाह अनुसार औषधियां लें ।

       खण्ड चिकित्सा अधिकारियों को क्षेत्र में सजग निगरानी रखने की हिदायत की गई और संभावित डेंगू का प्रकरण प्रकाश में आने पर तत्काल उपचारात्मक कार्रवाई करने को कहा गया है किसी भी चिकित्सक और कर्मचारी को अवकाश नहीं दिया जाय और मच्छरों पर नियंत्रण के लिए विशेष जागरूकता अभियान चलायें ।