मंगलवार, दिसंबर 18, 2007

बिजली कित जाय रई है काऊ को नहीं पता

भारी बिजली कटौती से मची त्राहि त्राहि, किसान छात्र और व्‍यवसायी संकट में

बिजली कित जाय रई है काऊ को नहीं पता

मुरैना/ भिण्‍ड/ श्‍योपुर 17 दिसम्‍बर 2007 । चम्‍बल में इन दिनों जहॉं बिजली की भारी दरकार है, वहीं अन्‍धाधुन्‍ध अघोषित बिजली कटौती के चलते किसानों, छात्रों और व्‍यवसायीयों के हलक इस भरी सर्दी में सूखने लगे हैं ।

जहॉं किसान अभी तक खाद, पानी और बिजली की लड़ाई से जूझ रहे हैं वहीं इन दिनों छात्रों की छमाही परीक्षायें चल रही हैं , अनेक छात्र छात्रा तो बोर्ड की परीक्षाओं और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारीयां कर रहे हैं । वहीं छिटपुट कुटीर व्‍यवसायी जिनकी रोजी रोटी और कारोबार बिजली पर ही आश्रित है पूरी तरह चौपट होकर दिहाड़ी धन्‍धों से बेगार हो भुखमरी की नौबत तक आ पहुँचे हैं ।

हालांकि बिजली कटौती तो वर्ष भर चलती है और सदाबहार आलम दर्शाती रहती है लेकिन जब पानी सिर से ऊपर हो जाता है तो जनता नर्राती है, लेकिन इस देश का दुर्भग्‍य है कि यहॉं नेता और अफसर कान में तेल डाल कर बैठे रहते हैं, खैर अंधेरा कायम रहे महामहिम किल्विष ।

किसानों को जहॉं चम्‍बल नहर से पानी नहीं मिला , खाद नहीं मिली, बिजली नहीं मिली तो वे रो पड़े और कातर स्‍वरों तथा अविरल ऑंसूओं से धरा भिगोने लगे, उनकी यह दशा देख आसमान भी रो पड़ा और चन्‍द मावठी बून्‍दों से उसने भी धरती भिगो दी तो किसानों को जीवन के लिये चन्‍द सांसें और हासिल हो गयीं ।

अब उन बच्‍चों का क्‍या हो, जो इन दिनों छमाही परीक्षाओं और प्रतियोगी परीक्षाओं या सेमेस्‍टर परीक्षाओं में व्‍यस्‍त हैं, वे भी खून के ऑंसू रो रहे हैं, दिन भर बिजली नहीं तो रात में भी धुऑंधार कटौती, आखिर कब तक जलायें मोमबत्‍ती और दिये या लालटेन । रिजल्‍ट बिगड़ेगा तो भी डण्‍डा उन्‍हीं के सिर, और पढ़ें तो न दिन बिजली न रात बिजली । पढ़ लिये ठीक है, ज्‍यादा बच्‍चे फेल होंगें तो शिक्षित बेरोजगार कम होंगें, वाह क्‍या आइडिया है । खूब फेल करवाओ, न बेटा पढ़ पाओगे न शिक्षित बेरोजगार कहलाओगे ।

कहॉं तक बयॉं करें हालात ए गुलिस्‍तां यहॉं हर शाख पे ..... छोटे मोटे काम धन्‍धे वाले बिजली पर ही दिहाड़ी कारोबार कर रहे हैं और इन दिनों रात और दिन की धुऑंधार कटौती पर दहाड़ें मार कर रो रहे हैं ।

हमें तो अब सारा जमाना ही रोता दिखता है तो हमने रोना छोड़ दिया । समझ गये, नहीं समझे, इन्‍तजार करो समझ जाओगे । जय हिन्‍द ।

 

भारी बिजली कटौती से मची त्राहि त्राहि, किसान छात्र और व्‍यवसायी संकट में

भारी बिजली कटौती से मची त्राहि त्राहि, किसान छात्र और व्‍यवसायी संकट में

बिजली कित जाय रई है काऊ को नहीं पता

मुरैना/ भिण्‍ड/ श्‍योपुर 17 दिसम्‍बर 2007 । चम्‍बल में इन दिनों जहॉं बिजली की भारी दरकार है, वहीं अन्‍धाधुन्‍ध अघोषित बिजली कटौती के चलते किसानों, छात्रों और व्‍यवसायीयों के हलक इस भरी सर्दी में सूखने लगे हैं ।

जहॉं किसान अभी तक खाद, पानी और बिजली की लड़ाई से जूझ रहे हैं वहीं इन दिनों छात्रों की छमाही परीक्षायें चल रही हैं , अनेक छात्र छात्रा तो बोर्ड की परीक्षाओं और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारीयां कर रहे हैं । वहीं छिटपुट कुटीर व्‍यवसायी जिनकी रोजी रोटी और कारोबार बिजली पर ही आश्रित है पूरी तरह चौपट होकर दिहाड़ी धन्‍धों से बेगार हो भुखमरी की नौबत तक आ पहुँचे हैं ।

हालांकि बिजली कटौती तो वर्ष भर चलती है और सदाबहार आलम दर्शाती रहती है लेकिन जब पानी सिर से ऊपर हो जाता है तो जनता नर्राती है, लेकिन इस देश का दुर्भग्‍य है कि यहॉं नेता और अफसर कान में तेल डाल कर बैठे रहते हैं, खैर अंधेरा कायम रहे महामहिम किल्विष ।

किसानों को जहॉं चम्‍बल नहर से पानी नहीं मिला , खाद नहीं मिली, बिजली नहीं मिली तो वे रो पड़े और कातर स्‍वरों तथा अविरल ऑंसूओं से धरा भिगोने लगे, उनकी यह दशा देख आसमान भी रो पड़ा और चन्‍द मावठी बून्‍दों से उसने भी धरती भिगो दी तो किसानों को जीवन के लिये चन्‍द सांसें और हासिल हो गयीं ।

अब उन बच्‍चों का क्‍या हो, जो इन दिनों छमाही परीक्षाओं और प्रतियोगी परीक्षाओं या सेमेस्‍टर परीक्षाओं में व्‍यस्‍त हैं, वे भी खून के ऑंसू रो रहे हैं, दिन भर बिजली नहीं तो रात में भी धुऑंधार कटौती, आखिर कब तक जलायें मोमबत्‍ती और दिये या लालटेन । रिजल्‍ट बिगड़ेगा तो भी डण्‍डा उन्‍हीं के सिर, और पढ़ें तो न दिन बिजली न रात बिजली । पढ़ लिये ठीक है, ज्‍यादा बच्‍चे फेल होंगें तो शिक्षित बेरोजगार कम होंगें, वाह क्‍या आइडिया है । खूब फेल करवाओ, न बेटा पढ़ पाओगे न शिक्षित बेरोजगार कहलाओगे ।

कहॉं तक बयॉं करें हालात ए गुलिस्‍तां यहॉं हर शाख पे ..... छोटे मोटे काम धन्‍धे वाले बिजली पर ही दिहाड़ी कारोबार कर रहे हैं और इन दिनों रात और दिन की धुऑंधार कटौती पर दहाड़ें मार कर रो रहे हैं ।

हमें तो अब सारा जमाना ही रोता दिखता है तो हमने रोना छोड़ दिया । समझ गये, नहीं समझे, इन्‍तजार करो समझ जाओगे । जय हिन्‍द ।

 

शनिवार, दिसंबर 15, 2007

पंचायत मंत्री श्री रूस्तम सिंह द्वारा 86 लाख रूपये की लागत से विद्युत उप केन्द्र का शिलान्यास

कोई भी गांव बिद्युत विहीन नहीं रहेगा

पंचायत मंत्री श्री रूस्तम सिंह द्वारा 86 लाख रूपये की लागत से

विद्युत उप केन्द्र का शिलान्यास

मुरैना 15 दिसम्बर 2007 // पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री रूस्तम सिंह ने आज मुरैना जिले के ग्राम रिठौरा कलां में 86 लाख रूपये की लागत के विद्युत उप केन्द्र का भूमिपूजन किया । उन्होंने शिला पट्टिका का अनावरण कर 33/11 के.व्ही. उप केन्द्र का शिलान्यास किया । उन्होंने कहा कि अब कोई भी गांव विद्युत विहीन नहीं रहेगा । इस अवसर पर म.प्र मध्य  क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी के मुख्य अभियंता श्री जी.एस. कल्सी, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री अभय कुमार वर्मा, एसडीएम श्री विजय अग्रवाल, अधीक्षण यंत्री श्री बी.पी.गर्ग, कार्यपालन यंत्री श्री आर.के. एस राठौर, तहसीलदार श्री बी.पी. श्रीवास्तव, श्री एस.एस. गौर तथा ग्रामीणजन उपस्थित थे ।

       पंचायत मंत्री श्री रूस्तम सिंह ने कहा कि सरकार ने पानी, बिजली, सड़क को प्राथमिकता दी है । पानी और बिजली की व्यवस्था के लिए मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा बेहतर पहल की गई है । उन्होंने कहा कि इस उपकेन्द्र के बन जाने से आने वाले पच्चीस सालों तक क्षेत्र को बिजली की कमी नहीं आयेगी । उन्होंने कहा कि इस उप केन्द्र और आस-पास के ग्रामों तक खम्बे और तार पहुंचाने के लिए लगभग तीन करोड़ रूपये की राशि व्यय की जायेगी । उन्होंने कहा कि क्षेत्र के विकास के लिए सड़कों का जाल भी विछाया जा रहा है । इन सड़कों के बन जाने से क्षेत्र में आवागमन की सुगम सुविधा उपलब्ध होगी ।

       श्री रूस्तम सिंह ने कहा कि नूरावाद में भी एक करोड़ रूपये की लागत से विद्युत उप केन्द्र की स्थापना कराई जायेगी । पोरसा और देवगढ़ में भी उपकेन्द्रों की स्थापना कराई जायेगी । शनि मंदिर के चारों तरफ की सड़कों का निर्माण भी कराया जा रहा है । इस पर 16 करोड़ रूपये का व्यय होगा । प्रयास है कि ये सभी मार्ग तीन चार माह में पूर्ण हो जायेगे। उन्होंने कहा कि पुराने तालाबों के जीर्णोंध्दार के कार्य हाथ में लिये गये हैं । पिपरसेवा में तालाब बन चुका है । कोई भी तालाब फूटा नहीं रहने दिया जायेगा ।

       उन्होंने कहा कि पिपरसेवा सहित क्षेत्र में चार -पांच हाई स्कूलों की स्वीकृति प्राप्त हुई है । उन्होंने कहा कि समग्र स्वच्छता कार्यक्रम के संचालन के लिए महिला स्व-सहायता समूहों को जिम्मेदार बनाया गया है।

       मुख्य अभियंता श्री कल्सी ने कहा कि मंत्री जी के लगातार प्रयासों से वर्षों से विद्युत आपूर्ति से बंचित इस क्षेत्र को अच्छी गुणवत्ता की बिजली मिल सकेगी । मंत्री जी की पहल पर ग्रामों में खम्बे लगाने और तार खींचने के लिए 2 करोड़ रूपये की राशि मिली है। उन्होंने कहा कि इस उप केन्द्र का निर्माण समय-सीमा में पूरा कराया जायेगा ।

       प्रारंभ में श्री बी.पी. गर्ग ने बताया कि ग्राम रिठौरा कलां पूर्व में विद्युतीकृत था, लेकिन खम्बे टूटने और तार चोरी होने के कारण  यह क्षेत्र लगभग 10 वर्ष से विद्युत विहीन हो गया । पंचायत मंत्री जी की विशेष पहल पर क्षेत्र  के विकास के लिए 132 के.व्ही. उपकेन्द्र मालनपुर से 5 किलोमीटर 33 के.व्ही लाइन तथा 1_3.15 एम.व्ही. ए. 33/11 के.ही. विद्युत उपकेन्द्र के लिए 85 लाख 80 हजार रूपये की राशि स्वीकृत की गई । इस केन्द्र के बन जाने पर क्षेत्र के 19 ग्राम पुन: विद्युतीकृत होंगे और लगभग 400 विद्युत सिंचाई पंप विद्युतीकृत हो सकेंगे । इन्हीं ग्रामों में लगभग 50 छोटे लघु उद्योग एवं आटा चक्की को विद्युत प्रदाय हो सकेगी । साथ ही लगभग डेढ़ हजार घरों को घरेलू विद्युत कनेक्शन प्राप्त हो सकेंगे । उल्लेखित है कि पूर्व में उपरोक्त ग्रामो की विद्युत आपूर्ति 132 के.व्ही. उप केन्द्र बानमोर से मिलने वाले ग्रामीण  फीडर से की जाती थी, उन्हें अब इस उप केन्द्र के माध्यम से नजदीकी 132 के.व्ही. उप केन्द्र बानमोर से उच्च गुणवत्ता की विद्युत आपूर्ति प्रदाय की जा सकेगी ।

       इस अवसर पर जनपद पंचायत मुरैना के श्री सुभाष गुप्ता ने अप्रैल 2008 से लागू होने वाली राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी स्कीम मध्य प्रदेश और मुख्यमंत्री मजदूर सुरक्षा योजना की जानकारी दी । उन्होने बताया कि मुख्यमंत्री मजदूर सुरक्षा योजना में रिठौरा कलां क्षेत्र के 80 मजदूर परिवारों के कार्ड बनाये गये हैं । अधीक्षण यंत्री श्री गर्ग ने अंत में सभी की उपस्थिति के प्रति आभार व्यक्त किया ।

 

कोई भी गांव बिद्युत विहीन नहीं रहेगा - रूस्‍तम सिंह

कोई भी गांव बिद्युत विहीन नहीं रहेगा

पंचायत मंत्री श्री रूस्तम सिंह द्वारा 86 लाख रूपये की लागत से

विद्युत उप केन्द्र का शिलान्यास

मुरैना 15 दिसम्बर 2007 // पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री रूस्तम सिंह ने आज मुरैना जिले के ग्राम रिठौरा कलां में 86 लाख रूपये की लागत के विद्युत उप केन्द्र का भूमिपूजन किया । उन्होंने शिला पट्टिका का अनावरण कर 33/11 के.व्ही. उप केन्द्र का शिलान्यास किया । उन्होंने कहा कि अब कोई भी गांव विद्युत विहीन नहीं रहेगा । इस अवसर पर म.प्र मध्य  क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी के मुख्य अभियंता श्री जी.एस. कल्सी, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री अभय कुमार वर्मा, एसडीएम श्री विजय अग्रवाल, अधीक्षण यंत्री श्री बी.पी.गर्ग, कार्यपालन यंत्री श्री आर.के. एस राठौर, तहसीलदार श्री बी.पी. श्रीवास्तव, श्री एस.एस. गौर तथा ग्रामीणजन उपस्थित थे ।

       पंचायत मंत्री श्री रूस्तम सिंह ने कहा कि सरकार ने पानी, बिजली, सड़क को प्राथमिकता दी है । पानी और बिजली की व्यवस्था के लिए मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा बेहतर पहल की गई है । उन्होंने कहा कि इस उपकेन्द्र के बन जाने से आने वाले पच्चीस सालों तक क्षेत्र को बिजली की कमी नहीं आयेगी । उन्होंने कहा कि इस उप केन्द्र और आस-पास के ग्रामों तक खम्बे और तार पहुंचाने के लिए लगभग तीन करोड़ रूपये की राशि व्यय की जायेगी । उन्होंने कहा कि क्षेत्र के विकास के लिए सड़कों का जाल भी विछाया जा रहा है । इन सड़कों के बन जाने से क्षेत्र में आवागमन की सुगम सुविधा उपलब्ध होगी ।

       श्री रूस्तम सिंह ने कहा कि नूरावाद में भी एक करोड़ रूपये की लागत से विद्युत उप केन्द्र की स्थापना कराई जायेगी । पोरसा और देवगढ़ में भी उपकेन्द्रों की स्थापना कराई जायेगी । शनि मंदिर के चारों तरफ की सड़कों का निर्माण भी कराया जा रहा है । इस पर 16 करोड़ रूपये का व्यय होगा । प्रयास है कि ये सभी मार्ग तीन चार माह में पूर्ण हो जायेगे। उन्होंने कहा कि पुराने तालाबों के जीर्णोंध्दार के कार्य हाथ में लिये गये हैं । पिपरसेवा में तालाब बन चुका है । कोई भी तालाब फूटा नहीं रहने दिया जायेगा ।

       उन्होंने कहा कि पिपरसेवा सहित क्षेत्र में चार -पांच हाई स्कूलों की स्वीकृति प्राप्त हुई है । उन्होंने कहा कि समग्र स्वच्छता कार्यक्रम के संचालन के लिए महिला स्व-सहायता समूहों को जिम्मेदार बनाया गया है।

       मुख्य अभियंता श्री कल्सी ने कहा कि मंत्री जी के लगातार प्रयासों से वर्षों से विद्युत आपूर्ति से बंचित इस क्षेत्र को अच्छी गुणवत्ता की बिजली मिल सकेगी । मंत्री जी की पहल पर ग्रामों में खम्बे लगाने और तार खींचने के लिए 2 करोड़ रूपये की राशि मिली है। उन्होंने कहा कि इस उप केन्द्र का निर्माण समय-सीमा में पूरा कराया जायेगा ।

       प्रारंभ में श्री बी.पी. गर्ग ने बताया कि ग्राम रिठौरा कलां पूर्व में विद्युतीकृत था, लेकिन खम्बे टूटने और तार चोरी होने के कारण  यह क्षेत्र लगभग 10 वर्ष से विद्युत विहीन हो गया । पंचायत मंत्री जी की विशेष पहल पर क्षेत्र  के विकास के लिए 132 के.व्ही. उपकेन्द्र मालनपुर से 5 किलोमीटर 33 के.व्ही लाइन तथा 1_3.15 एम.व्ही. ए. 33/11 के.ही. विद्युत उपकेन्द्र के लिए 85 लाख 80 हजार रूपये की राशि स्वीकृत की गई । इस केन्द्र के बन जाने पर क्षेत्र के 19 ग्राम पुन: विद्युतीकृत होंगे और लगभग 400 विद्युत सिंचाई पंप विद्युतीकृत हो सकेंगे । इन्हीं ग्रामों में लगभग 50 छोटे लघु उद्योग एवं आटा चक्की को विद्युत प्रदाय हो सकेगी । साथ ही लगभग डेढ़ हजार घरों को घरेलू विद्युत कनेक्शन प्राप्त हो सकेंगे । उल्लेखित है कि पूर्व में उपरोक्त ग्रामो की विद्युत आपूर्ति 132 के.व्ही. उप केन्द्र बानमोर से मिलने वाले ग्रामीण  फीडर से की जाती थी, उन्हें अब इस उप केन्द्र के माध्यम से नजदीकी 132 के.व्ही. उप केन्द्र बानमोर से उच्च गुणवत्ता की विद्युत आपूर्ति प्रदाय की जा सकेगी ।

       इस अवसर पर जनपद पंचायत मुरैना के श्री सुभाष गुप्ता ने अप्रैल 2008 से लागू होने वाली राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी स्कीम मध्य प्रदेश और मुख्यमंत्री मजदूर सुरक्षा योजना की जानकारी दी । उन्होने बताया कि मुख्यमंत्री मजदूर सुरक्षा योजना में रिठौरा कलां क्षेत्र के 80 मजदूर परिवारों के कार्ड बनाये गये हैं । अधीक्षण यंत्री श्री गर्ग ने अंत में सभी की उपस्थिति के प्रति आभार व्यक्त किया ।

 

बुधवार, दिसंबर 12, 2007

राष्ट्रीय ऊर्जा सरंक्षण सप्ताह के अन्तर्गत बिजली बचत का संदेश दिया जायेगा

राष्ट्रीय ऊर्जा सरंक्षण सप्ताह के अन्तर्गत बिजली बचत का संदेश दिया जायेगा

 

      मुरैना 12 दिसम्बर 07// म.प्र. मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी द्वारा 14 से 21 दिसम्बर तक राष्ट्रीय ऊर्जा सरंक्षण सप्ताह मनाया जायेगा। इस सप्ताह के दौरान बिजली बचत के संदेश को प्रसारित करने वाले आयोजन किये जायेगे।

       कार्यपालन यंत्री श्री आर. के. एस. राठौर के अनुसार ऊर्जा सरंक्षण सप्ताह के दौरान 14 दिसम्बर को बिजली बचत के संदेश को लेकर जनजागरूकता रैली निकाली जायेगी। इस रैली के माध्यम से उपभोक्ताओं को बिजली बचत के तरीकों से अवगत कराया जायेगा।

 

रविवार, दिसंबर 02, 2007

मुरैना जिले में 32 करोड़ रूपये के व्यय से होगा विद्युत व्यवस्थाओं में सुधार

मुरैना जिले में 32 करोड़ रूपये के व्यय से होगा विद्युत व्यवस्थाओं में सुधार

श्री नरेन्द्र सिंह तोमर द्वारा 67 लाख रूपये का विद्युत उपकेन्द्र मुरैना में लोकार्पित

 

मुरैना 2 दिसम्बर 07- प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री रूस्तम सिंह की अध्यक्षता में आज मुरैना जिले में आयोजित एक समारोह में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने बडोखर में 67 लाख रूपये की लागत से बने 33/11 के­. वी. के विद्युत उपकेन्द्र का लोकार्पण किया । इस अवसर पर श्री तोमर ने कहा कि मुरैना जिले में विद्युत व्यवस्थाएं सुधारने के लिए मध्यप्रदेश शासन ने 32 करोड़ रूपये की राशि स्वीकृत की है । आने वाले दिनों में मुरैना विधान सभा क्षेत्र विजली के मामले में चकाचक हो जायेगा । श्री तोमर ने कहा कि पिछले 50 वर्षो में विद्युत का उत्पादन मात्र 2700 मेगावाट था, जिसे वर्तमान प्रदेश सरकार ने बढाकर  साढे तीन वर्षो में 6 हजार मेगावाट कर दिया है । प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान बिजली और सडक पर विशेष ध्यान दे रहे है । पेशे से किसान होने के कारण मुख्यमंत्री गांव के विकास पर भी अधिक जोर दे रहे है । उन्होंने किसानों के 5 हार्सपावर के मोटर पंपों के बिजली के बकाया की 2293 करोड की राशि मांफ की है तथा छोटे किसानों पर लंबित 510 करोड रूपये के विलों को माफ करवाया है । श्री तोमर ने कहा कि शासन विद्युत व्यवस्था में सुधार के लिए बहुत कुछ कर रहा है । जनता से भी इसमें सहयोग की अपेक्षा है । उन्होंने जनता से आग्रह किया कि वह विद्युत तार चोरी रोकने में मदद करे तथा अपने बिजली के विलों का पूरा व समय पर भुगतान करे, ताकि भविष्य में सभी को सस्ती व आसानी से बिजली मिल सके ।

              इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री रूस्तम सिंह ने कहा कि विद्युत अधिकारियों की सक्रियता से बडोखर का यह विद्युत उपकेन्द्र अल्प समय में तैयार हुआ है । इससे मुरैना शहर के फाटक बाहर, उत्तमपुरा क्षेत्र तथा बडोखर, मुडियाखेरा, जेवराखेरा एवं काशीपुर सहित अनेक ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत की व्यवस्था में सुधार होगा तथा आसानी से अच्छे वोल्टेज में बिजली मिल सकेगी । शासन ने बडोखर उपकेन्द्र के अतिरिक्त पोरसा, थरा, देवगढ, रिठौरा एवं नूराबाद आदि स्थानों पर भी विद्युत उपकेन्द्र स्वीकृत किये है, जो जल्दी ही प्रारंभ हो जायेगें । श्री रूस्तम सिंह ने कहा कि मुरैना शहर के लिए 16 करोड रूपये की राशि स्वीकृत की गई है, जिससे सभी खम्भे व तार नये लगाये जायेंगे । 700 नये ट्रान्सफार्मर भी लगाने की योजना है । इसी प्रकार अम्बाह में भी 6 करोड़ 70 लाख रूपये की लागत से खम्भाें एवं तारों को बदला जायेगा । मुरैना जिले में चल रही विद्युत सुधार की योजनाएं आगामी मई 2008 तक पूरी होने की संभावना है ।

              इस अवसर पर कार्यक्रम के विशेष अतिथि श्री अर्गल ने कहा कि इस विद्युत उपकेन्द्र के प्रारंभ हो जाने से ग्रामीण किसानों एवं शहर के उपभोक्ताओं को लाभ मिलेगा । कार्यक्रम में एम.पी.एग्रो के चेयरमेन श्री मुन्शीलाल, केन्द्रीय सहकारी बैंक के अध्यक्ष श्री शिवमंगल सिंह तोमर, ग्वालियर साडा के अध्यक्ष श्री जयसिंह कुशवाह, कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी पुलिस अधीक्षक श्री संतोष कुमार सिंह, विद्युत वितरण कंपनी के सी एम डी श्री संजय शुक्ला, मुख्य अभियंता श्री जी.एस. कल्सी, अधीक्षण यंत्री श्री बी.पी. गर्ग, संभागीय अभियंता श्री आर.के.एस. राठौर सहित विद्युत कंपनी के अधिकारी एवं कर्मचारी,  श्री सुल्तान सिंह हर्षाना तथा पत्रकारगण एवं ग्रामीणजन उपस्थित थे ।

श्री नरेन्द्र सिंह तोमर द्वारा 67 लाख रूपये का विद्युत उपकेन्द्र मुरैना में लोकार्पित

श्री नरेन्द्र सिंह तोमर द्वारा 67 लाख रूपये का विद्युत उपकेन्द्र मुरैना में लोकार्पित

श्री नरेन्द्र सिंह तोमर द्वारा 67 लाख रूपये का विद्युत उपकेन्द्र मुरैना में लोकार्पित

 

मुरैना 2 दिसम्बर 07- प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री रूस्तम सिंह की अध्यक्षता में आज मुरैना जिले में आयोजित एक समारोह में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने बडोखर में 67 लाख रूपये की लागत से बने 33/11 के­. वी. के विद्युत उपकेन्द्र का लोकार्पण किया । इस अवसर पर श्री तोमर ने कहा कि मुरैना जिले में विद्युत व्यवस्थाएं सुधारने के लिए मध्यप्रदेश शासन ने 32 करोड़ रूपये की राशि स्वीकृत की है । आने वाले दिनों में मुरैना विधान सभा क्षेत्र विजली के मामले में चकाचक हो जायेगा । श्री तोमर ने कहा कि पिछले 50 वर्षो में विद्युत का उत्पादन मात्र 2700 मेगावाट था, जिसे वर्तमान प्रदेश सरकार ने बढाकर  साढे तीन वर्षो में 6 हजार मेगावाट कर दिया है । प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान बिजली और सडक पर विशेष ध्यान दे रहे है । पेशे से किसान होने के कारण मुख्यमंत्री गांव के विकास पर भी अधिक जोर दे रहे है । उन्होंने किसानों के 5 हार्सपावर के मोटर पंपों के बिजली के बकाया की 2293 करोड की राशि मांफ की है तथा छोटे किसानों पर लंबित 510 करोड रूपये के विलों को माफ करवाया है । श्री तोमर ने कहा कि शासन विद्युत व्यवस्था में सुधार के लिए बहुत कुछ कर रहा है । जनता से भी इसमें सहयोग की अपेक्षा है । उन्होंने जनता से आग्रह किया कि वह विद्युत तार चोरी रोकने में मदद करे तथा अपने बिजली के विलों का पूरा व समय पर भुगतान करे, ताकि भविष्य में सभी को सस्ती व आसानी से बिजली मिल सके ।

              इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री रूस्तम सिंह ने कहा कि विद्युत अधिकारियों की सक्रियता से बडोखर का यह विद्युत उपकेन्द्र अल्प समय में तैयार हुआ है । इससे मुरैना शहर के फाटक बाहर, उत्तमपुरा क्षेत्र तथा बडोखर, मुडियाखेरा, जेवराखेरा एवं काशीपुर सहित अनेक ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत की व्यवस्था में सुधार होगा तथा आसानी से अच्छे वोल्टेज में बिजली मिल सकेगी । शासन ने बडोखर उपकेन्द्र के अतिरिक्त पोरसा, थरा, देवगढ, रिठौरा एवं नूराबाद आदि स्थानों पर भी विद्युत उपकेन्द्र स्वीकृत किये है, जो जल्दी ही प्रारंभ हो जायेगें । श्री रूस्तम सिंह ने कहा कि मुरैना शहर के लिए 16 करोड रूपये की राशि स्वीकृत की गई है, जिससे सभी खम्भे व तार नये लगाये जायेंगे । 700 नये ट्रान्सफार्मर भी लगाने की योजना है । इसी प्रकार अम्बाह में भी 6 करोड़ 70 लाख रूपये की लागत से खम्भाें एवं तारों को बदला जायेगा । मुरैना जिले में चल रही विद्युत सुधार की योजनाएं आगामी मई 2008 तक पूरी होने की संभावना है ।

              इस अवसर पर कार्यक्रम के विशेष अतिथि श्री अर्गल ने कहा कि इस विद्युत उपकेन्द्र के प्रारंभ हो जाने से ग्रामीण किसानों एवं शहर के उपभोक्ताओं को लाभ मिलेगा । कार्यक्रम में एम.पी.एग्रो के चेयरमेन श्री मुन्शीलाल, केन्द्रीय सहकारी बैंक के अध्यक्ष श्री शिवमंगल सिंह तोमर, ग्वालियर साडा के अध्यक्ष श्री जयसिंह कुशवाह, कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी पुलिस अधीक्षक श्री संतोष कुमार सिंह, विद्युत वितरण कंपनी के सी एम डी श्री संजय शुक्ला, मुख्य अभियंता श्री जी.एस. कल्सी, अधीक्षण यंत्री श्री बी.पी. गर्ग, संभागीय अभियंता श्री आर.के.एस. राठौर सहित विद्युत कंपनी के अधिकारी एवं कर्मचारी,  श्री सुल्तान सिंह हर्षाना तथा पत्रकारगण एवं ग्रामीणजन उपस्थित थे ।

शनिवार, नवंबर 24, 2007

नाकारा, लापरवाह और अक्षम अफसरों ने बेशर्मी से पहनीं मालायें : कांग्रेस की गांधीगिरी

नाकारा, लापरवाह और अक्षम अफसरों ने बेशर्मी से पहनीं मालायें : कांग्रेस की गांधीगिरी

 

भिण्‍ड 24 नवम्‍बर 2007 चम्‍बल अन्‍चल में भारी बिजली कटौती के चलते भिण्‍ड के कांग्रेसियों ने हर प्रकार के विरोध प्रदर्शन और आंदोलनों से उक्‍ताकर और लाइलाज बिजली कटौती की समस्‍या पर लड़ थककर अंतत: गांधीगिरी का रास्‍ता अख्‍त्‍यार कर लिया है और बिजली कटौती की समस्‍या पैदा करने हेतु बिजली अधिकारियों को पुष्‍प मालायें पहनाकर व पुष्‍प अर्पित कर सम्‍मानित करना शुरू कर दिया है और व्‍यंगात्‍मक कटाक्ष भी किये जा रहे हैं इससे बिजली विभाग में खासा हड़कंप मच गया है अधिकारियों के बेशर्मी से मुस्‍कराते हुये मालायें पहनते अंचल के विख्‍यात समाचार पत्र दैनिक भास्‍कर द्वारा कई फोटो प्रकाशित किये गये हैं और तीखा कटाक्ष किया गया है ।

        लोगों में कांग्रेस और मीडिया का यह संयुक्‍त अभियान काफी लोकप्रिय और चर्चित हो गया है । जो अधिकारी कार्यालयों में नहीं मिलते उनके टेबिलों पर पुष्‍प गुच्‍छ और महात्‍मा गांधी का एक चित्र पुष्‍प माला रखकर छोड़ दिया जाता है इसके साथ ही एक अभिनंदन पत्र भी दिया जाता है जिसमें लिखा रहता है कि '' साहब गांवों में बिजली की इतनी बेहतर व्‍यवस्‍थाऐं इससे पहले कभी नहीं रहीं न तो बिजली जा रही है और ना ही लाइनें टूट रही हैं बिजली के न आने से बिजली के बार-बार जाने की समस्‍या पूरी तरह से समाप्‍त हो गयी है और भ्रष्‍टाचारी पर तो पूरी तरह अंकुश लग गया है''!

फफककर रो पड़ा एक बिजली कर्मचारी

जहां नाकारा बिजली अफसर मुस्‍कराते हुये माला पहनकर फोटो खिंचवाते रहे वहीं बिजली कम्‍पनी के ग्रामीण कार्यालय में पदस्‍थ एक कर्मचारी की आंखों से आंसू निकल पड़े और वह फफक कर रो पड़ा ।

 

शनिवार, अक्तूबर 27, 2007

चम्बल में विद्युत सप्लाई पूर्णत: ध्वस्त: लगातार नवदुर्गा में ब्लैक आउट

हल्‍दी जर्दी ना तजै, खटरस तजै ना आम । शीलवान गुन ना तजै, ना औगुन तजै गुलाम ।।

चम्बल में विद्युत सप्लाई पूर्णत: ध्वस्त: लगातार नवदुर्गा में ब्लैक आउट

कहाँ तक बयां करें हालात ए गुलिस्तां, यहाँ हर शाख पे उल्लू बैठा है

नोट इस समाचार में पूर्व में प्रकाशित समाचारों के कतिपय अंश तारतम्‍यवश यथावत अंत में रख लिये गये हैं  

मुरैना 27 अक्‍तूबर 07 ! फर्जी दावे करने झूठी वाहवाही बटोरने में लगी म.प्र. सरकार की पीठ पिछाड़ी भारतीय जनता पार्टी भारत सरकार के परमाणु करार का विरोध कर देश को बिजली मिलने और बनाने से रोकने के लिये भले ही नंगा नाच रच रही हो, लेकिन बी.बी.सी. हिन्‍दी द्वारा विचार प्रतिक्रिया स्‍तम्‍भ में भारत की जनता ने ''परमाणु करार विरोधीयों और बिजली समस्‍या पैदा कर देश का विकास ठप्‍प कर फर्जी बातें करने वाले, परमाणु करार से देश में बिजली पैदा न होने देने और राष्‍ट्र को बिजली संकट में फंसाये रखने वाले ऐसे जनविरोधी विचारधारा वाले राजनीतिक दलों और राजनेताओं के मुँह पर करारा तमाचा जड़ा है, यह स्‍तम्‍भ अभी बीबीसी पर जारी है आप पढ़ सकते हैं कि भारत की जनता इनके बारे में क्‍या कहती है ।    

और दावे दर दावे तथा आश्‍वासन दर आश्‍वासन के बावजूद पूरी तरह फेल हो चुकी सरकार की नपुंसकता के चलते अंततोगत्वा पिछले 12 अक्‍टूबर से चम्बल घाटी में कहर मचा रही बिजली व्यवस्था अपने चरम पर आकर जहॉं हिन्‍दूओं के प्रमुख आस्‍था एवं भक्ति पर्व नवरात्रि आरम्‍भ वाले दिन 12 अक्‍तूबर को ही न केवल पूरे दिन ही गुल रही वहीं रात को भी हिन्‍दूवादी भाजपा सरकार ने लोगों को माता की आरती तक नहीं करने दी । जहॉं व्रत उपवास कर नवरात्रों में लोग माता की भक्ति उपासना व अर्चना पूजा के लिये साल भर से उस दिवस का इन्‍तजार करते हैं जब माता घर में विराज कर प्रत्‍येक हिन्‍दू के घर नौ दिन की मेहमानी करती हैं, लोग व्रत उपवास तो छोडि़ये नहा धो भी नहीं पाये, माता की कलश व घट स्‍थापना पवित्र जल भर कर की जाती है तथाकथित हिन्‍दूओं के हिमायती भाजपाईयों ने लोगों को इस दिन ऐन माता की प्रतिष्‍ठा व स्‍थापना के दिन यानि 12 अक्‍तूबर को ही एक एक बूंद पानी के लिये तरसा दिया । बिल्‍कुल ठीक यही हालात अष्‍टमी वाले दिन यानि अंतिम पर्व दिवस यानि 19 अक्‍टूबर को जब कि लोग इस दिन पूरे दिन अनुष्‍ठान व यज्ञ हवन आदि करते हैं को भी सुबह 6 बजे गुल हुयी बिजली रात आठ बजे आई । लो भईया कर लो पूजा और हवन । बुधवार 17 अक्‍टूबर को पूरे 17 घण्‍टों के लिये पूर्णत: ठप्प हो ही गयी ! मजे की बात यह है कि हम एक सम्‍भागीय मुख्‍यालय शहर मुरैना की बात कर रहे हैं । गॉंवों और किसानों का आलम तो यह है कि अगर दिन भर में बीस मिनिट भी मिल जाये तो समझिये ''यूरेका यूरेका '' यानि मतलब समझ गये होंगे आप । समूची चम्‍बल घाटी का आलम यही है जनाब ।

उल्लेखनीय है कि विगत 12 अक्‍टूबर 07 से चम्बल घाटी की बिजली सप्लाई पूरी तरह चरमरा गयी थी और दिन में पीक वर्किंग टाइम में लगभग 6-7 घण्‍टे तथा रात में करीब 3-4 घण्टे की बेहिसाब अनाप शनाप कटौती चल रही थी, जिसका न समय तय था न कोई घोषणा ही इस मुतल्लिक जारी हुयी थी !

उधर दूसरी ओर सरकार दावा दर दावा ठोकने में लगी थी कि हम बहुत ज्यादा बिजली पैदा कर रहे हैं और अब कोई बिजली संकट नहीं है ! जबकि सच यह है कि चम्बल में धुंआधार कटौती चल रही थी !

अभी हाल ही में राष्‍ट्रीय जनता दल के मध्‍यप्रदेश के महासचिव नरेन्‍द्र सिंह तोमर ''आनन्‍द'' ने दिनांक 29 सितम्‍बर 2007 को लिखित शिकायती आवेदन चम्‍बल सम्‍भाग के अधीक्षण यंत्री को दिया था, जिसकी पावती ग्‍वालियर टाइम्‍स के कार्यालय में सुरक्षित है, यदि इस आवेदन को ही पढ़ लिया जाता और इस पर कार्यवाही कर दी गयी होती तो चम्‍बल सम्‍भाग में मध्‍यक्षेत्र विद्युत वितरण कम्‍पनी के शराबी अधिकारी और कर्मचारीयों की करनी व करतूतों की न केवल सच्‍चाई सामने आ जाती बल्कि चम्‍बल की बिजली कटौती की समस्‍या भी सुलझ गयी होती । ( हम इस आवेदन की फोटो प्रति स्‍कैन कर अलग से विस्‍तृत आलेख इस सम्‍बन्‍ध में शीघ्र जारी करेंगें जो कि ग्‍वालियर टाइम्‍स समूह की सभी वेबसाइटों पर उपलब्‍ध होगा । आप भी इस अंधेरगर्दी, भ्रष्‍टाचार और गुण्‍डागर्दी की कहानी का ऑखों देखा हाल भुक्‍तभोगी की जुबानी मय सबूत पढ़ सकेगें ) श्री तोमर का यह आवेदन आज की तारीख तक कार्यवाही के लिये लम्बित है । 

अभी हाल ही में म.प्र. के एक मंत्री रूस्‍तम सिंह ने मुरैना जिले में की जा रही अन्‍धाधुन्‍ध बिजली कटौती पर बिजली वितरण कम्‍पनी पर ऑंखे तरेरते हुये गीदड़ भभकी दी थी, लेकिन वह बेअसर रही ।  

अभी हाल ही में दो बड़े बिजली उत्पादन के अडडे जहाँ उदघाटित हुये हैं जिसमें एक लालकृष्ण आडवाणी जी ने किया वहीं दूसरा मुरैना के ऐन निकट ही ग्वालियर जिले में केन्द्रीय मंत्री सुशील कुमार शिन्दे ने किया ! जिसमें दावा यह था कि म.प्र. विशेषकर चम्बल ग्वालियर की बिजली समस्या अब पूर्णत: समाप्त !

उधर भगवान की दया से प्रदेश में बरसात भी अच्छी भली चल रही है, बाढ़ आ रही है, बांधो के इमरजेन्सी गेट खोल कर जरूरत से ज्यादा इकठठा हुआ पानी निकालना पड़ रहा है !

फिर भी बिजली नहीं होना जहाँ हैरत अंगेज और गजब की जादूगिरी है वहीं कुछ चौंकाने वाले सवालों की भी जन्मदाता ! मसलन बिना बिजली मिले म.प्र. की जनता अरबों रूपया की बिल भरपाई वर्ष सनृ 2000 से करती आ रही है ! उल्लेखनीय है कि प्रदेश में एवरेज बिलर्स की संख्या 70 फीसदी है, जिन्हें बिजली मिले या न मिले एक निश्चित औसत राशि बिजली विभाग को देनी ही पड़ती है ! और यह राशि प्रतिमाह करोड़ों रू में और वर्ष 2000 से अब तक अरबों रू में पहुँच चुकी है !

जहाँ सरकार बिजली चोरी और जनता को चोर ठहराने में कोई कसर बकाया नहीं रखती वही अब यह सवाल भी जोरदार है कि बिना बिजली दिये की गयी अरबों रू की यह वसूली क्या नाहक नहीं है ? और क्या सरकार चोर नहीं है ? जिसने जनता की जेब पर डाका डाला है ! सरकार में यदि भलमनसाहत है तो पहले तो उनका पैसा लौटाये जिन्होंने इतने वर्ष तक बिना बिजली मिले भी पूरा बिल भुगतान किया है, उनकी बिजली तो कटी लेकिन बिलों में कटौती या उनकी धन वापसी की बात अभी तक क्यों नहीं हुयी ! यह सवाल यक्ष प्रश्न है, जिसका उत्तर सरकार को जनता को चोर कहने से पहले अनिवार्यत: देना होगा, तभी जनता के गले बात उतरेगी, वरना जनता आपको चोर कहती रहेगी, और आप जनता को !

विगत सोमवार 6 अगस्त से 8 अगस्त जो चम्बल में बिजली सप्लाई का जो कहर हुआ वह न केवल शर्मनाक बल्कि संभवत: म.प्र. के इतिहास में पहली बार हुआ जबरदस्त बलैक आउट है ! जिसमें 6 अगस्त सुबह से लेकर सारे दिन और सारी रात फिर 7 अगस्त को सारा दिन और सारी रात फिर 8 अगस्त को दोपहर 12 बजे तक लगातार सप्लाई ठप्प यानि पूर्णत: बन्द यानि ब्लैकआउट ! फिर दोबारा 8 अगस्त को शाम 4 बजे से रात 7:45 बजे तक पुन: सप्लाई बन्द ! गजब, अदभुत, चमात्कारिक, वाह क्या कहने ! बिजली वाले हुये या अलाउददीन के चिराग के जिन्न !

अब इसमें लोग कह रहे थे कि भईया आरक्षण की भर्ती है, आरक्षण का स्टाफ है तो यह तो होना ही है , अब ऐसी अवस्था में यदि लोग ऐसा कहते हैं तो हम पूछते हैं कि क्या गलत कहते हैं ! आरक्षण के नाम पर अयोग्य लोगों या कम योग्य लोगों के सहारे ऐसे संवेदलशील टैक्नीकल काम छोड़े जायेंगे तो यह तो होगा ही ! अव्वल तो वे कुछ जानते ही नहीं, दूसरे हराम की चाट पंजीरी का ऐसा स्वाद उनके मुँह लगा है कि, सरकार बाद में बिजली बेच पायेगी वे यहीं फैक्ट्रयों और इण्डस्ट्रियों में जम कर बिजली बेच देते हैं, उनके बैंक बैलेन्स और कोठीयों की लम्बाई चौड़ाई तो लगभग यही कहानी कहती है ! वहीं दूसरी ओर कुछ लोग यह भी कहते हैं कि बजली वालों को चोर और डकैतों से हफ्ता वसूली मिलती है, और कब कब कहाँ की बिजली गुल की जायेगी इसकी खबर चोरों डकैतों को रहती है और बिजली विभाग के गुप्त शिडयूल के अनुसार ही उनका गुप्त शिडयूल चलता है ! अगर लोग ऐसा कहते हैं, तो अब लोग क्या गलत कहते हैं ? 

उल्लेखनीय है कि मुरैना और भिण्ड दोनों ही जिलों में बिजली को लेकर अभी हाल ही पिछले दस पन्द्रह दिनों में भारी जनआक्रोश और उपद्रव हुआ जहाँ महिलाओं ने जगह जगह कई आन्दोलन किये और पुतले फूंके, बिजली वालों की धुनाई पिटाई कर डाली वहीं लगता है सारी चम्बल घाटी में महिलाओं की फौज मानो कमर कसकर विद्रोह और विरोध पर उतारू है और प्रदर्शन, धरना, विरोध से लेकर धुनाई पिटाई भी उनके आन्दोलन का हिस्सा है, मजे की बात ये है कि उनके साथ कोई राजनीतिक दल नहीं हैं, जनता अपनी लड़ाई खुद लड़ रही है !

पिछले सप्ताह म.प्र. शासन के पूर्व कांग्रेस मंत्री राकेश चौधरी को जरूर भिण्ड में बिजली समस्या को लेकर न केवल सड़कों पर आना पड़ा बल्कि भिण्ड कलेक्ट्रेट की तालाबन्दी करना पड़ी, उनके तालाबन्दी आन्दोलन को जनता का इतना व्यापक समर्थन मिला कि भिण्ड की सडृकों पर जनता समाये नहीं बन रही थी, उन्होंने न केवल कुशलता और सफलतापूर्वक कलेक्ट्रेट भिण्ड की तालाबन्दी कर दी बल्कि जनता के हीरो भी बन गये ! यह भी स्मरणीय है कि भिण्ड के वर्तमान भाजपा विधायक नरेन्द्र सिंह कुशवाह भी बिल्कुल ठीक इसी तरह विधायक बने ! बस फर्क यह था कि उस समय कांग्रेस की सरकार थी और इसी बिजली के लिये आन्दोलन नरेन्द्र सिंह कुशवाह ने इसी तरह जनता को साथ लेकर किया था ! और कई बिजली वालों की पिटाई धुनाई की थी, और पहले वे अखबारों की सुर्खियां बनें, फिर भिण्ड के विधायक ! तब राकेश चौधरी भिण्ड के विधायक और बाद में सरकार के मंत्री थे ! अब बिल्कुल वही सिचुएशन एकदम उल्टी है ! यानि आप समझ ही गये होंगे कि इसका अर्थ क्या है !

मुरैना की स्थिति थोड़ी भिन्न है, विशुध्द रूप से आरक्षित सीट रहने और भाजपा का अखण्ड गढ़ रहने से यहाँ जननेतृत्व का अभाव है, यहाँ के विधायक, सांसद जननेता की परिभाषा से परे हैं , चाटुकारिता और कृपालुता के भरोसे राजनीति करने वाले नेताओं के साये में मुरैना जिला की जनता को अपनी लड़ाई खुद लड़ना पड़ती है, लड़ती आयी है, और लड़ भी रही है ! नेता, विधायक, मंत्री, सांसद सब अपनी अपनी पीठ खुद ही थपथपाते रहते हैं, थपथपा रहे हैं, उनका हमेशा ही खैरियत अलार्म और ''जी सर'' ''यस सर'' तकिया कलाम चालू रहता है !      

जनता चोर और वे साहूकार, वाह भई वाह उल्टा चोर कोतवाल को डाँटे ! लोकतंत्र में जनता कोतवाल होती है, और सरकार चोर, लोकतंत्र का मतलब तो यही है भईया ! जनता अधिकारी होती है, और सरकारी लोग उसके नौकर यानि सेवक यानि पब्लिक सर्वेण्ट ! मगर यहाँ तो उल्टी ही गंगा बह रही है ! 

क्या कहता है बिजली विभाग  ?

आज के दैनिक भास्कर में बिजली विभाग का स्पष्टीकरण यानि पक्ष प्रकाशित है, हम दैनिक भास्कर से साभार इसे यहाँ दे रहे हैं - महकमे के बिजली के तार चार पाँच जगह पर टूट गये थे, रात का समय होने की वजह से तारों को जोड़ा नहीं जा सके, हालांकि बुधवार की दोपहर को शहर की आपूर्ति को सामान्य बना लिया गया है- पी.के.सिंह, एस.ई. विद्युत मण्डल मुरैना !

क्या उक्त पक्ष स्पष्टीकरण से कुछ जाहिर नहीं होता - 1. ये लोग 24 घण्टे के पूर्णकालिक कर्मचारी यानि लोकसेवक यानि पब्लिक सर्वेण्ट नहीं हैं 2. बिजली के तार टूटना एक सामान्य और आम बात है जो सनृ 2000 से आज तक रोजाना हो रही है 3. ट्रान्सफार्मर फुंकना आम बात है जो सन 2000 से रोजाना फुंक रहे हैं 4. रात के वक्त बिजली महकमा काम नहीं करता 5. चार पाँच जगह के बिजली के तार तीन दिनों में जोड़ पाते हैं बेचारे 6. दारू पीकर होश में आने में कर्मचारीयों को तीन दिन से ज्यादा भी लग जाते हैं !

 

शुक्रवार, अक्तूबर 26, 2007

हल्‍दी जर्दी ना तजै, खटरस तजै ना आम । शीलवान गुन ना तजै, ना औगुन तजै गुलाम ।।


चिट्ठाजगत अधिकृत कड़ी

हल्‍दी जर्दी ना तजै, खटरस तजै ना आम । शीलवान गुन ना तजै, ना औगुन तजै गुलाम ।।

चम्बल में विद्युत सप्लाई पूर्णत: ध्वस्त: लगातार नवदुर्गा में ब्लैक आउट

कहाँ तक बयां करें हालात ए गुलिस्तां, यहाँ हर शाख पे उल्लू बैठा है

नोट इस समाचार में पूर्व में प्रकाशित समाचारों के कतिपय अंश तारतम्‍यवश यथावत अंत में रख लिये गये हैं  

मुरैना 20 अक्‍तूबर 07 ! फर्जी दावे करने झूठी वाहवाही बटोरने में लगी म.प्र. सरकार की पीठ पिछाड़ी भारतीय जनता पार्टी भारत सरकार के परमाणु करार का विरोध कर देश को बिजली मिलने और बनाने से रोकने के लिये भले ही नंगा नाच रच रही हो, लेकिन बी.बी.सी. हिन्‍दी द्वारा विचार प्रतिक्रिया स्‍तम्‍भ में भारत की जनता ने ''परमाणु करार विरोधीयों और बिजली समस्‍या पैदा कर देश का विकास ठप्‍प कर फर्जी बातें करने वाले, परमाणु करार से देश में बिजली पैदा न होने देने और राष्‍ट्र को बिजली संकट में फंसाये रखने वाले ऐसे जनविरोधी विचारधारा वाले राजनीतिक दलों और राजनेताओं के मुँह पर करारा तमाचा जड़ा है, यह स्‍तम्‍भ अभी बीबीसी पर जारी है आप पढ़ सकते हैं कि भारत की जनता इनके बारे में क्‍या कहती है ।    

और दावे दर दावे तथा आश्‍वासन दर आश्‍वासन के बावजूद पूरी तरह फेल हो चुकी सरकार की नपुंसकता के चलते अंततोगत्वा पिछले 12 अक्‍टूबर से चम्बल घाटी में कहर मचा रही बिजली व्यवस्था अपने चरम पर आकर जहॉं हिन्‍दूओं के प्रमुख आस्‍था एवं भक्ति पर्व नवरात्रि आरम्‍भ वाले दिन 12 अक्‍तूबर को ही न केवल पूरे दिन ही गुल रही वहीं रात को भी हिन्‍दूवादी भाजपा सरकार ने लोगों को माता की आरती तक नहीं करने दी । जहॉं व्रत उपवास कर नवरात्रों में लोग माता की भक्ति उपासना व अर्चना पूजा के लिये साल भर से उस दिवस का इन्‍तजार करते हैं जब माता घर में विराज कर प्रत्‍येक हिन्‍दू के घर नौ दिन की मेहमानी करती हैं, लोग व्रत उपवास तो छोडि़ये नहा धो भी नहीं पाये, माता की कलश व घट स्‍थापना पवित्र जल भर कर की जाती है तथाकथित हिन्‍दूओं के हिमायती भाजपाईयों ने लोगों को इस दिन ऐन माता की प्रतिष्‍ठा व स्‍थापना के दिन यानि 12 अक्‍तूबर को ही एक एक बूंद पानी के लिये तरसा दिया । बिल्‍कुल ठीक यही हालात अष्‍टमी वाले दिन यानि अंतिम पर्व दिवस यानि 19 अक्‍टूबर को जब कि लोग इस दिन पूरे दिन अनुष्‍ठान व यज्ञ हवन आदि करते हैं को भी सुबह 6 बजे गुल हुयी बिजली रात आठ बजे आई । लो भईया कर लो पूजा और हवन । बुधवार 17 अक्‍टूबर को पूरे 17 घण्‍टों के लिये पूर्णत: ठप्प हो ही गयी ! मजे की बात यह है कि हम एक सम्‍भागीय मुख्‍यालय शहर मुरैना की बात कर रहे हैं । गॉंवों और किसानों का आलम तो यह है कि अगर दिन भर में बीस मिनिट भी मिल जाये तो समझिये ''यूरेका यूरेका '' यानि मतलब समझ गये होंगे आप । समूची चम्‍बल घाटी का आलम यही है जनाब ।

उल्लेखनीय है कि विगत 12 अक्‍टूबर 07 से चम्बल घाटी की बिजली सप्लाई पूरी तरह चरमरा गयी थी और दिन में पीक वर्किंग टाइम में लगभग 6-7 घण्‍टे तथा रात में करीब 3-4 घण्टे की बेहिसाब अनाप शनाप कटौती चल रही थी, जिसका न समय तय था न कोई घोषणा ही इस मुतल्लिक जारी हुयी थी !

उधर दूसरी ओर सरकार दावा दर दावा ठोकने में लगी थी कि हम बहुत ज्यादा बिजली पैदा कर रहे हैं और अब कोई बिजली संकट नहीं है ! जबकि सच यह है कि चम्बल में धुंआधार कटौती चल रही थी !

अभी हाल ही में राष्‍ट्रीय जनता दल के मध्‍यप्रदेश के महासचिव नरेन्‍द्र सिंह तोमर ''आनन्‍द'' ने दिनांक 29 सितम्‍बर 2007 को लिखित शिकायती आवेदन चम्‍बल सम्‍भाग के अधीक्षण यंत्री को दिया था, जिसकी पावती ग्‍वालियर टाइम्‍स के कार्यालय में सुरक्षित है, यदि इस आवेदन को ही पढ़ लिया जाता और इस पर कार्यवाही कर दी गयी होती तो चम्‍बल सम्‍भाग में मध्‍यक्षेत्र विद्युत वितरण कम्‍पनी के शराबी अधिकारी और कर्मचारीयों की करनी व करतूतों की न केवल सच्‍चाई सामने आ जाती बल्कि चम्‍बल की बिजली कटौती की समस्‍या भी सुलझ गयी होती । ( हम इस आवेदन की फोटो प्रति स्‍कैन कर अलग से विस्‍तृत आलेख इस सम्‍बन्‍ध में शीघ्र जारी करेंगें जो कि ग्‍वालियर टाइम्‍स समूह की सभी वेबसाइटों पर उपलब्‍ध होगा । आप भी इस अंधेरगर्दी, भ्रष्‍टाचार और गुण्‍डागर्दी की कहानी का ऑखों देखा हाल भुक्‍तभोगी की जुबानी मय सबूत पढ़ सकेगें ) श्री तोमर का यह आवेदन आज की तारीख तक कार्यवाही के लिये लम्बित है । 

अभी हाल ही में म.प्र. के एक मंत्री रूस्‍तम सिंह ने मुरैना जिले में की जा रही अन्‍धाधुन्‍ध बिजली कटौती पर बिजली वितरण कम्‍पनी पर ऑंखे तरेरते हुये गीदड़ भभकी दी थी, लेकिन वह बेअसर रही ।  

अभी हाल ही में दो बड़े बिजली उत्पादन के अडडे जहाँ उदघाटित हुये हैं जिसमें एक लालकृष्ण आडवाणी जी ने किया वहीं दूसरा मुरैना के ऐन निकट ही ग्वालियर जिले में केन्द्रीय मंत्री सुशील कुमार शिन्दे ने किया ! जिसमें दावा यह था कि म.प्र. विशेषकर चम्बल ग्वालियर की बिजली समस्या अब पूर्णत: समाप्त !

उधर भगवान की दया से प्रदेश में बरसात भी अच्छी भली चल रही है, बाढ़ आ रही है, बांधो के इमरजेन्सी गेट खोल कर जरूरत से ज्यादा इकठठा हुआ पानी निकालना पड़ रहा है !

फिर भी बिजली नहीं होना जहाँ हैरत अंगेज और गजब की जादूगिरी है वहीं कुछ चौंकाने वाले सवालों की भी जन्मदाता ! मसलन बिना बिजली मिले म.प्र. की जनता अरबों रूपया की बिल भरपाई वर्ष सनृ 2000 से करती आ रही है ! उल्लेखनीय है कि प्रदेश में एवरेज बिलर्स की संख्या 70 फीसदी है, जिन्हें बिजली मिले या न मिले एक निश्चित औसत राशि बिजली विभाग को देनी ही पड़ती है ! और यह राशि प्रतिमाह करोड़ों रू में और वर्ष 2000 से अब तक अरबों रू में पहुँच चुकी है !

जहाँ सरकार बिजली चोरी और जनता को चोर ठहराने में कोई कसर बकाया नहीं रखती वही अब यह सवाल भी जोरदार है कि बिना बिजली दिये की गयी अरबों रू की यह वसूली क्या नाहक नहीं है ? और क्या सरकार चोर नहीं है ? जिसने जनता की जेब पर डाका डाला है ! सरकार में यदि भलमनसाहत है तो पहले तो उनका पैसा लौटाये जिन्होंने इतने वर्ष तक बिना बिजली मिले भी पूरा बिल भुगतान किया है, उनकी बिजली तो कटी लेकिन बिलों में कटौती या उनकी धन वापसी की बात अभी तक क्यों नहीं हुयी ! यह सवाल यक्ष प्रश्न है, जिसका उत्तर सरकार को जनता को चोर कहने से पहले अनिवार्यत: देना होगा, तभी जनता के गले बात उतरेगी, वरना जनता आपको चोर कहती रहेगी, और आप जनता को !

विगत सोमवार 6 अगस्त से 8 अगस्त जो चम्बल में बिजली सप्लाई का जो कहर हुआ वह न केवल शर्मनाक बल्कि संभवत: म.प्र. के इतिहास में पहली बार हुआ जबरदस्त बलैक आउट है ! जिसमें 6 अगस्त सुबह से लेकर सारे दिन और सारी रात फिर 7 अगस्त को सारा दिन और सारी रात फिर 8 अगस्त को दोपहर 12 बजे तक लगातार सप्लाई ठप्प यानि पूर्णत: बन्द यानि ब्लैकआउट ! फिर दोबारा 8 अगस्त को शाम 4 बजे से रात 7:45 बजे तक पुन: सप्लाई बन्द ! गजब, अदभुत, चमात्कारिक, वाह क्या कहने ! बिजली वाले हुये या अलाउददीन के चिराग के जिन्न !

अब इसमें लोग कह रहे थे कि भईया आरक्षण की भर्ती है, आरक्षण का स्टाफ है तो यह तो होना ही है , अब ऐसी अवस्था में यदि लोग ऐसा कहते हैं तो हम पूछते हैं कि क्या गलत कहते हैं ! आरक्षण के नाम पर अयोग्य लोगों या कम योग्य लोगों के सहारे ऐसे संवेदलशील टैक्नीकल काम छोड़े जायेंगे तो यह तो होगा ही ! अव्वल तो वे कुछ जानते ही नहीं, दूसरे हराम की चाट पंजीरी का ऐसा स्वाद उनके मुँह लगा है कि, सरकार बाद में बिजली बेच पायेगी वे यहीं फैक्ट्रयों और इण्डस्ट्रियों में जम कर बिजली बेच देते हैं, उनके बैंक बैलेन्स और कोठीयों की लम्बाई चौड़ाई तो लगभग यही कहानी कहती है ! वहीं दूसरी ओर कुछ लोग यह भी कहते हैं कि बजली वालों को चोर और डकैतों से हफ्ता वसूली मिलती है, और कब कब कहाँ की बिजली गुल की जायेगी इसकी खबर चोरों डकैतों को रहती है और बिजली विभाग के गुप्त शिडयूल के अनुसार ही उनका गुप्त शिडयूल चलता है ! अगर लोग ऐसा कहते हैं, तो अब लोग क्या गलत कहते हैं ? 

उल्लेखनीय है कि मुरैना और भिण्ड दोनों ही जिलों में बिजली को लेकर अभी हाल ही पिछले दस पन्द्रह दिनों में भारी जनआक्रोश और उपद्रव हुआ जहाँ महिलाओं ने जगह जगह कई आन्दोलन किये और पुतले फूंके, बिजली वालों की धुनाई पिटाई कर डाली वहीं लगता है सारी चम्बल घाटी में महिलाओं की फौज मानो कमर कसकर विद्रोह और विरोध पर उतारू है और प्रदर्शन, धरना, विरोध से लेकर धुनाई पिटाई भी उनके आन्दोलन का हिस्सा है, मजे की बात ये है कि उनके साथ कोई राजनीतिक दल नहीं हैं, जनता अपनी लड़ाई खुद लड़ रही है !

पिछले सप्ताह म.प्र. शासन के पूर्व कांग्रेस मंत्री राकेश चौधरी को जरूर भिण्ड में बिजली समस्या को लेकर न केवल सड़कों पर आना पड़ा बल्कि भिण्ड कलेक्ट्रेट की तालाबन्दी करना पड़ी, उनके तालाबन्दी आन्दोलन को जनता का इतना व्यापक समर्थन मिला कि भिण्ड की सडृकों पर जनता समाये नहीं बन रही थी, उन्होंने न केवल कुशलता और सफलतापूर्वक कलेक्ट्रेट भिण्ड की तालाबन्दी कर दी बल्कि जनता के हीरो भी बन गये ! यह भी स्मरणीय है कि भिण्ड के वर्तमान भाजपा विधायक नरेन्द्र सिंह कुशवाह भी बिल्कुल ठीक इसी तरह विधायक बने ! बस फर्क यह था कि उस समय कांग्रेस की सरकार थी और इसी बिजली के लिये आन्दोलन नरेन्द्र सिंह कुशवाह ने इसी तरह जनता को साथ लेकर किया था ! और कई बिजली वालों की पिटाई धुनाई की थी, और पहले वे अखबारों की सुर्खियां बनें, फिर भिण्ड के विधायक ! तब राकेश चौधरी भिण्ड के विधायक और बाद में सरकार के मंत्री थे ! अब बिल्कुल वही सिचुएशन एकदम उल्टी है ! यानि आप समझ ही गये होंगे कि इसका अर्थ क्या है !

मुरैना की स्थिति थोड़ी भिन्न है, विशुध्द रूप से आरक्षित सीट रहने और भाजपा का अखण्ड गढ़ रहने से यहाँ जननेतृत्व का अभाव है, यहाँ के विधायक, सांसद जननेता की परिभाषा से परे हैं , चाटुकारिता और कृपालुता के भरोसे राजनीति करने वाले नेताओं के साये में मुरैना जिला की जनता को अपनी लड़ाई खुद लड़ना पड़ती है, लड़ती आयी है, और लड़ भी रही है ! नेता, विधायक, मंत्री, सांसद सब अपनी अपनी पीठ खुद ही थपथपाते रहते हैं, थपथपा रहे हैं, उनका हमेशा ही खैरियत अलार्म और ''जी सर'' ''यस सर'' तकिया कलाम चालू रहता है !      

जनता चोर और वे साहूकार, वाह भई वाह उल्टा चोर कोतवाल को डाँटे ! लोकतंत्र में जनता कोतवाल होती है, और सरकार चोर, लोकतंत्र का मतलब तो यही है भईया ! जनता अधिकारी होती है, और सरकारी लोग उसके नौकर यानि सेवक यानि पब्लिक सर्वेण्ट ! मगर यहाँ तो उल्टी ही गंगा बह रही है ! 

क्या कहता है बिजली विभाग  ?

आज के दैनिक भास्कर में बिजली विभाग का स्पष्टीकरण यानि पक्ष प्रकाशित है, हम दैनिक भास्कर से साभार इसे यहाँ दे रहे हैं - महकमे के बिजली के तार चार पाँच जगह पर टूट गये थे, रात का समय होने की वजह से तारों को जोड़ा नहीं जा सके, हालांकि बुधवार की दोपहर को शहर की आपूर्ति को सामान्य बना लिया गया है- पी.के.सिंह, एस.ई. विद्युत मण्डल मुरैना !

क्या उक्त पक्ष स्पष्टीकरण से कुछ जाहिर नहीं होता - 1. ये लोग 24 घण्टे के पूर्णकालिक कर्मचारी यानि लोकसेवक यानि पब्लिक सर्वेण्ट नहीं हैं 2. बिजली के तार टूटना एक सामान्य और आम बात है जो सनृ 2000 से आज तक रोजाना हो रही है 3. ट्रान्सफार्मर फुंकना आम बात है जो सन 2000 से रोजाना फुंक रहे हैं 4. रात के वक्त बिजली महकमा काम नहीं करता 5. चार पाँच जगह के बिजली के तार तीन दिनों में जोड़ पाते हैं बेचारे 6. दारू पीकर होश में आने में कर्मचारीयों को तीन दिन से ज्यादा भी लग जाते हैं !