रविवार, दिसंबर 20, 2015

फेसबुक पर कृपया इस प्रोफाइल में अब मित्रता अनुरोध न भेजें , हमारी अन्य प्रोफाइलें भी हैं , कृपया वहॉं जाकर हमसे जुड़ें - एक विनम्र अनुरोध - नरेन्द्र सिंह तोमर ''आनन्द''

This Post already Published yesterday at my Facebook Profile https://www.facebook.com/narendrasinghtomar/ and also at automatically tweeted by Facebook at my Twitter Account https://twitter.com/narendra_singh and already shared some super top official of Govt. of India . Now it is Broadcasting through our wireless over to air system to throughout the world and releasing also through Gwalior Times worldwide with our channel partners Google and 300 more worldwide partners of our network. its copy through broadcasting also sending to C. B. I. Madhya Pradesh and also to officials of Lokayukt of Madhya Pradesh with All Ministers og Govt. of India and other States with Madhya Pradesh All concerned I. A. S's and I. P. S.'s. with Prime Minister of India, All Super Top Politicians and officials of All Parties and Govt's. Look just it is Published yesterday .
फेसबुक पर कृपया इस प्रोफाइल में अब मित्रता अनुरोध न भेजें , हमारी अन्य प्रोफाइलें भी हैं , कृपया वहॉं जाकर हमसे जुड़ें - एक विनम्र अनुरोध - नरेन्द्र सिंह तोमर ''आनन्द''
प्रिय मित्रगण , फेसबुक की हमार इस प्रोफाइल पर आपके रोजाना निरंतर व दनादन मित्रता निवेदन मिल रहे हैं, और कुछ अनावश्यक या आवश्यक टैगिंग भी बहुत ज्यादा मिल रही है । अत: यह अनुरोध लिखना आवश्यक प्रतीत हुआ । दरअसल एक तो हमारी यह प्रोफाइल वर्षों से मित्रता सूची के तौर पर 5 हजार मित्रों की पूरी संख्या से भरी पूरी होकर एकदम से फुल चल रही है । एकाध दो चार कभी कोई मित्र कम होता है तो हम नया कोई मित्र उसमें जोड़ कर फिर पूरी 5 हजार कर देते हैं । अभी हमने देखा कि इस समय करीब 500 से ज्यादा मित्रता अनुरोध स्वीकृति के लिये लंबित हैं । अत: दो बातें हम कहना चाहेंगें कि एक तो यह कि जो हमारे बहुत वर्षों से पुराने मित्र हैं और हमसे जुड़े हैं , उन्हें हम अपनी सूची से हटाना नहीं चाहते , यहॉं तक कि हमारे पुराने मित्र प्रसिद्ध पत्रकार स्व. आलोक तोमर और बंगाल के शंभूनाथ पाण्डेय जी को उनके निधन के बाद भी हमने अपनी सूची से आज तक विलोपित नहीं किया यानि हटाया नहीं है , उनसे इस फेसबुक पर हमारी बहुत सी यादें जुड़ी हैं । इसी प्रकार यह भी कि जो निष्क्र‍िय मित्र हैं और हमें यह लगता है कि उन्हें हमारी मित्र सूची में रखने या न रखने का कोई औचित्य नहीं है और वे कभी हमारी प्रोफाइल की ओर आते भी नहीं , उनके संबंध में हटाये जाने व सूची खाली किये जाने संबंधी निर्णय हम अब अगले साल ही यानि जनवरी 2016 में ही लेंगें , कम से कम इस साल तो कतई नहीं , और इस साल के समाप्त होने में महज अब 12 दिन बाकी हैं । तीसरी अहम बात यह कि हमारे फैसलों के पीछे हमारा मन , आत्मा , ईश्वरीय , शास्त्रीय व ग्रंथों में में उपलब्ध सिद्धांत , कुदरत के इशारे आदि काम करते हैं , हम तदनुसार ही अपने फैसले करते हैं और विशेषकर ज्योतिष इसमें अहम भूमिका अदा करता है , और ज्योतिषीय सिद्धांतों व संकेतों के आधार पर अपने कार्य व निर्णय तय करते हैं । जनवरी में बहुत बड़े दो ज्योतिषीय परिवर्तन होने जा रहे हैं , तथा 22 दिसंबर से सूर्य उत्तरायण होने जा रहे हैं और देवताओं की रात्रि समाप्त होकर उनका दिन शुरू होगा व राक्षसों का दिन समाप्त होकर उनका रात्रिकाल शुरू होगा और सब बदलावों पर हमारी गहरी नजर है , उसके बाद का गणि‍त फलित क्या कहता है , इसके विश्लेषण के बाद ही हम अपने कार्य व नीतियों का निर्धारण करेंगें । तब फैसला लेंगें कि अपनी फेसबुक मित्रसूची से किसे निकालें और किसे जोड़ें । तथा असली जीवन में भी अपनी कार्य व नीति निर्धारण करेंगें । यही वह खास वजह है कि हमारी टेबल पर मुरैना जिला से संबंध रखने वाले दो बहुत बड़े पुलिस केस दर्ज कराये जाने हेतु लंबित हैं , जो बड़े बड़े तीस मरखाओं के न केवल होश उड़ा देंगें , वरन उन्हें राजा से रंक बना कर जेल तक पहुँचा देंगें , दोनों ही केस बहुत बड़ी व बहुत छोटी हस्त‍ियों से ताल्लुक रखते हैं । किन्तु इन्हीं ज्योतिषीय व ईश्वरीय सिद्धांतों , संकेतो व नीतियों पर अमल करने की हमारी आदत बहुत पुरानी है , लिहाजा उन्हें भी हम लंबे समय से रोके हुये हैं , हमारी आदत चौतरफा हमला करने की है , हम चारों ओर से घेरकर मारते हैं या मौत के घाट उतारते हैं । और तीन तरफा घेरा हम पहले से ही डाल चुके हैं , बस अब सीधा हमला बाकी है । जब इतने महत्वपूर्ण कार्य को हमने रोका हुआ है , जिसमें ऐसे महत्वपूर्ण व जीतने वाले श्रेयपूर्ण कार्यो के लिये लोग तरसा करते हैं , ऐसे न जाने कितने काम हम कर चुके हैं , लेकिन नाम से या प्रचार से बचते हैं । लिहाजा हमारा टारगेट केवल टारगेट रहता है , उसका चर्चा नहीं । नाम तो हमारा पहले से ही बहुत नामवर कह लीजिये या बदनाम कह लीजिये , बहुत जबरदस्त विख्यात या कुख्यात हैॅ । अत: जिसे मारना है, बचाना हैॅ सब काम अगले साल ही करेंगें । दूसरे चूंकि अब हमारे पास व्यस्तता और काम की बहुत ज्यादा मसरूफियत है , हमें न केवल मीडिया का ही वरन , घर परिवार , खेती बाड़ी, वकालत, गांव , रिश्तेदारी , व्यवहार सहित तमाम भूमिकायें निभाने के साथ , परेशान प व मजलूम लोगों को सुनना व उनकी समस्या का समाधान व निराकरण भी करना पड़ता है , कभी कभी कई गांवों में जाकर पंचायतें सुननी पड़ती व उनमें अपने फैसले सुनाने पड़ते हैं । दूसरे चूंकि अब आगे अले साल से और बड़ी कुछ जिम्मेवारीयां आने वाली हैं , कुछ पारिवारिक तो कुछ व्यावसाय‍िक , कुछ संपत्त‍ि संबंधी , अत: अब व्यस्तता और ज्यादा बढने वाली है । उधर ग्वालियर में मकान बनना है , दिल्ली में जबरदस्ती अपने आप ही कुलदेवी की कृपा व आशीर्वाद से आश्रम शुरू हो गया है , वहां भी अब दौड़धूप लगातार रहेगी , दिल्ली का दूसरा दौरा भी जनवरी में करना है । वहॉं और भी कुछ दैवीय कृपा से कुछ गोपनीय व बहुत बड़े काम निबटाने हैं । लिहाजा दूसरी बात यह कि राजनीति से हम स्वयं बाहर निकल कर या छोड़ कर आये हैं , अत: राजनीतिक दल यह उम्मीद कतई न करे कि हम उनकी मर्जी से कोई काम करेंगें या कुछ लिखेंगें । मुरैना का बिजली विभाग हम पर खासा मेहरबान है, जिसकी तमाम अनिराकृत कंपलैंटस पहले से ही दर्ज हैं,ओर दो कंपलैंटस भारत सरकार के प्रशासनिक सुधार व कार्मिक मंत्रालय में दर्ज हैं जो आज तक अनिराकृत हैं , जिनमें से एक कंपलैंट सीधे मुरैना सांसद, मुरैना कलेक्टर व ऊर्जा विभाग म.प्र. के प्रमुख सचिव सहित कई अन्य लोगों के विरूद्ध दर्ज है , जो कि अभी कार्यवाही के आधीन है । इस कंपलैंट के बाद तो जैसा आमतौर पर भारत में होता है , वही धमकाना , आतंकित करना और कंपलैंट वापस लेने के लिये हर किस्म की जोर आजमाइशें व पूरी ताकत लोग लगाते हैं सो लगाई जा रहीं हैं , हमारी बिजली लिहाजा जरूररत से ज्यादा रोजाना जानबूझ कर काटी जा रही है । खैर चुकि भ्रष्टाचार व सरकारी नाकारापन सरकारी बदतमीजी से जंग लड़ने के हम बहुत पुराने जंगबाज हैं , और धूल चटा कर जमींदोज कर नाम नक्शा इतिहास भूगोल सब मिटा देने का हमारा बहुत पुराना इतिहास है , वह तो खैर हम निबट ही लेंगें । ये तो बहुत ही छोटे जीव जंतु हैं जो अपनी जात व औकात के साथ अपने पदों की पॉवर दिखा रहे हैं , और यह सब हम बहुत बार बहुत सी ऐसी जंगों में देख चुके हैं और उनके अंजाम भी लिख चुके हैं । खैर माजरे से वाकिफ हैं हम, मगर अंजाम से वाकिफ नहीं है वे , हमारी पुरानी हिस्ट्री देख लेते या पता लगा लेते तो शायद ऐसी हिमाकत और जुर्रत न करते । बस यही अनुरोध है आप सबसे कि कृपया अभी नवीन मित्रता निवेदन यहॉं फेसबुक पर न भेजें , फिलहाल इस साल न हम किसी को हटाने जा रहे हैं और न जोड़ने , जो हैं सो फिलवक्त जस के तस ही रहेंगें , अगर एकाध दो चार कम हुये तो उसकी पूर्ति अवश्य कर देंगें । चूंकि म.प्र. या मुरैना में या विशेषकर हमारे यहां बिजली का कोई भरोसा नहीं रहता और नये साल पर बिजली रहे या न रहे अत: बीते और जाते साल 2015 की विदाई की इस घडी में आप सभी को नवीन आगत वर्ष 2016 की अग्रिम शुभकामनायें व बधाईयां जय श्री कृष्ण ... जय जय श्री राधे - आपका अपना नरेन्द्र सिंह तोमर ''आनन्द''

मंगलवार, अगस्त 25, 2015

नदी तो साली कहीं है है ही नहीं , मगर मगरमच्छ चारा चुग रहे हैं करोड़ों का हर साल , किस्सा मुरैना की बिजली का

नदी तो साली कहीं है है ही नहीं , मगर मगरमच्छ चारा चुग रहे हैं करोड़ों का हर साल , किस्सा मुरैना की बिजली का
- नरेन्द्र सिंह तोमर ''आनन्द''
बिजली विभाग मुरैना ( मध्य क्षेत्र विद्य़ुत वितरण कंपनी) के आफिसर्स के विरूद्ध बड़ी पुलिस कार्यवाही ( आजीवन कारावास तक की सजा की ) करने की तैयारी , कलेक्टर मुरैना फर्जी बिलिंग और कूटरचित बिलिंग से नाराज , न खंबे न तार , फिर भी मुरैना के सारे गॉंवों के किसान बना दिये बिजली विभाग ने फर्जी बिल दे देकर डिफाल्टर
कलेक्टर मुरैना शिल्पा गुप्ता ने दिये सत्यापन और प्रमाणीकरण के आदेश , दिये और कहा अगर निकला मामला फर्जी बिलिंग का सही तो दर्ज होगी एफ. आई.आर.
बेशक कलेक्टर मुरैना शिल्पा गुप्ता चौपाल कार्यक्रम के तहत अब तक जहॉं जहॉं जिन जिन गॉंवों में गई हैं , हर गॉंव में यही आलम मिला है , न खंबे , न बिजली के तार , बरसों बरस से युग बीत गये गॉंव वालों ने बिजली कभी देखी नहीं , सुनी नहीं , मगर हर महीने बाकायदा हर गॉंव में हर किसान पर बिजली के बिल पहुँच रहे हैं , गोया आलम ये है कि मुरैना जिला विशेषकर कई चुनिन्दा क्षेत्र ऐसे हैं जहॉं , अत्याचार और जुल्म अपनी सारी सरहदें पार कर गया है ।
जहॉं बिजली है ही नहीं , या कभी पहुँची ही नहीं , वहॉं के लाखों किसान , बिजली विभाग के करोड़ों रूपये के अनबूझ डिफाल्टर हैं , मतलब साफ कि अपराधी हैं , मतलब साफ कि किसी प्रकार का कोई चुनाव नहीं लड़ सकते, मतलब ये कि सारे निर्दोष ही दोषी हैं , और दोषीयों की अदालत का हकुम औ फरमान ये कि सारे निदोष दोषी , अब वे न तो थाने में जमा आत्मरक्षार्थ अपनी बंदूकें वापस ले सकेंगें और न किसी बैंक से लोन , न खेती खाद के लिये कोई कर्ज या सहायता , न किसी योजना का लाभ ही उठा सकेंगें ।
आजीवन कारावास से दंडनीय है , फर्जी , कूटरचित , जाली और अशुद्ध बिल भेजना व डिफाल्टर कहना या डिक्लेयर करना
इंडियन पैनल कोड की यानि भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत , फर्जी बिलिंग, कूटरचित बिल बनाना, अशुद्ध बिल बनाना , अप्रमाणित बिलिंग करना या बनाना , जालसाजी कर किसी को अवमानित कर ब्लैकमेल करना , जबरन फर्जी वसूली कर डिफाल्टर होने से बचाने का आपराधिक षडयंत्र रचना , किसी से सम्पत्त‍ि प्राप्त करने या उगाहने या वसूलने के लिये डराना , धमकाना, फर्जीवाड़ा कर फर्जी व जाली दस्तावेज तैयार करना तथा इन सबमें प्रति व्यक्त‍ि व प्रति परिवार उसकी मानहानि स्वत: ही सयुक्त व सहबद्धित हो जाती है । लिहाजा आीवन कारावास से दंडनीय यह अपराध न केवल संज्ञेय अपराध हैं जिसमें पुलिस कभी भी बिना किसी वारंट के अरेस्ट कर सकती है , बल्कि गैर जमानतीय अपराध भी हैं ।
आई.पी.सी. की वे धारायें जिनके तहत बिजली आफिसर्स व बिलिंग कर्ताओं व फर्जीवाड़ा करने वालों के विरूद्ध दर्ज होगा अपराध -
धारायें - 167, 171 ग एवं च , 176, 177, 178, 181, 182, 193, 195, 196, 197, 198, 199, 200, 201, 202, 203, 204, 209, 210, 211, 213, 214, 383, 385, 389, 406, 409, 420, 445, 452, 453, 464, 465, 466, 467, 468, 469, 471, 472, 474, 476, 477, 477- क, 499, 500, 503, 506 आदि के अलावा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत व इलेक्ट्र‍िसिटी एक्ट ( भारतीय विद्युत अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध किया जा सकता है , कुल मिलाकर अब तलब पाये गये हजारों सबूतों के आधार पर आजीवन कारावास की सजा का केस दर्ज होना लगभग तय है , संभवत: व्यापम जैसा बहुत बड़ा तगड़ा घोटाला खुलना करीब करीब तय है ।
- नरेन्द्र सिंह तोमर ''आनन्द '' www.gwaliortimes.in/ www.facebook.com/Tomarrajvansh

रविवार, जून 28, 2015

अब उस हाल में जीना लाजिम है , जिस हाल में जीना मुश्क‍िल है

खैर रिमांइंडर 8 भी भेज दिया है ....... जस का तस ज्यों का त्यों .... जो मैटर नीचे प्रकाशन किया गया है तदनुसार ....... चलिये सरकार अब या तो आप नहीं ....... या हम नहीं ...... युद्ध तो शुरू हो चुका है ..... अंजाम खुदा लिखेगा .......क्या वकालत का पेशा छोड़ दिया जाये ......  हम एडवोकेट का काम छोड़ दें .... और बंदूक उठाकर चंबल में फरार होकर दस बीस को मार कर फरार हो जायें .... हालात ये हैं .... आज भी फिर दिन भर से बिजली नहीं है ..... अब तो रोजाना धमकियां भी मिलने लगीं हैं .......  खैर आज फिर हमारे द्वारा सी.एम. हेल्पलाइन में धमकियां देने और बिजली नहीं देने तथा समस्या निराकरण संबंधी फर्जी रिपोर्ट भेजे जाने के बारे में मामला दर्ज करा दिया गया है .... और आप सब लोग भी जिन्हें इस ई मेल का सातवां रिमांइंडर भेजा गया है , कृपया तदनुसार अवगत हों - आपका उत्तर अपेक्षि‍त है और प्रतीक्षा में -  नरेन्द्र सिंह तोमर , एडवोकेट , मुरैना म.प्र.


गुरुवार, मई 14, 2015

विश्व का दूसरे नंबर का और भारत का सबसे बड़ा पर्यटन स्थल मुरैना , विश्व की सबसे बड़ी टूरिस्ट सरकार - भारत सरकार , विश्व की सबसे बड़ी बनिये की दूकान - भारत का लोकतंत्र व्यंग्य - नरेन्द्र सिंह तोमर ''आनन्द''

विश्व का दूसरे नंबर का और भारत का सबसे बड़ा पर्यटन स्थल मुरैना , विश्व की सबसे बड़ी टूरिस्ट सरकार - भारत सरकार , विश्व की सबसे बड़ी बनिये की दूकान - भारत का लोकतंत्र
व्यंग्य - नरेन्द्र सिंह तोमर ''आनन्द''
क्या यार मुरैना में आज सबेरे 4 बजे से बिजली नहीं है तो इसका मतलब ये नहीं है कि ( सी.एम. हेल्पलाइन में चार चार कंपलेाट कर तो रखीं हैं , अब बहरे को सुनाई न दे , अंधे को दिखाई न दे तो इसमें हम क्या करें ) अब भइया सिब्बू को बहरा और नंदू को अंधा और कलेक्टर को लंगड़ा मत कह देना ...... ........ हमने कालीचरण कालीराम का खुल गया पोल ..... टूरिस्ट सांसद कह कर उसका सारी दुनियां में नाम रोशन कर डाला उसके मामा के नाम की योजना पर ही कलंक लगा रहा कालीराम सारी दुनियां में 6 करोड़ लोगों तक वर्ल्डवाइड ब्राडकास्ट और रिलज कर मशहूर कर दिया ........ तो इसका मतलब ये नहीं कि ......... उसी तर्ज पर ..... मोदी जी को सूट बूट वाला चोर , सूटकेस सोने का टूरिस्ट प्राइम मिनिस्टर कहा जाये ..... इससे तो ऐसा लगता है कि साली पूरी सरकार ( अकेली बेचारी विदेश मंत्री को छोड़कर ) जो विदेशी जगह की सांसद जरूर है मगर कभी विदेश नहीं जाती, आप लोग पूरी की पूरी सरकार को ही बनियों की दूकान और तखरी तराजू वाला प्रशासन , और हर सांसद व मिनिस्टर को ही टूरिस्ट कहें .... एम.पी. के गधा गोबर नंदू भैया की तो जो कल से बुरी तरह धोती खींच ऐसी की तैसी की जा रही है , दुगत बनाई जा रही है , हम तो फेसबुक , ट्व‍िटर और व्हाटस एप्प पर पढ़ पढ़ के पक गये ..... अखबार और दनादन धोती लंगोट खींचने में , उतारने में लगे हैं बेचारों के , अरे ठीक है बेचारों ने सारे बनियों को प्रशासन की दूकान सौंप दी तो क्या हुआ , पैसे देकर आये हैं बेचारे , थानेदारी भी आजकल थाने के महीने के रूपये बंधे होने से मिलती है, मास्टरी की दूकान , डाक्टरी की दूकान, व्यापम की सब्जी मण्डी, इंजीनियर बनाने की फैक्ट्र‍ियां , नोट गिनने की मशीनें चौकीदारों के घर में लगानी पड़ रहीं हैं तो क्या हुआ, अरे यार कमाता कौन नहीं है, नेताओं के मील तो नहीं चलते , तेल तो तिली से ही निकलेगा न , और बनियों से बड़ा कमाऊ पूत कभी कोई सुना है क्या , चलो अब शांत हो जाओ , जादा पोस्ट मत डालो सूट बूट की टूरिस्ट कमाऊ विदेशी बनियों की दूकान सरकार पर ...... वरना हमारी खुपडि़या अगर घूम गई तो ..... हम फिर एक खतरनाक लेख लिख डालेंगें और ..... वर्ल्डवाइड ब्राडकास्ट और रिलीज कर मारेंगें ..... फिर मत कहयो के बताई नहीं हती के मूरैना की कलेक्टर ग्वालियर रहती है, कबहूं फेान नहीं उठाती , मुरैना टूरिस्टों का अड्डा है, भारत का सबसे बड़ा पर्यटन स्थल है ...... हियां सांसद से लेकर अफसर , कर्मचारी सब टूरिस्ट ही टूरिस्टूरिस्ट ही भरे पड़े हैं जनता मरे तो मरे .... अपनी बला से ..... इसलिये अब चुप्प हो जाओ ..... हमारा भेजा मत घुमाओ ...... वरना आलतू फालतू में ही किसी बनिये की दूकान लुट जायेगी यूं ही ख्वामख्वाह ही ...... टिचक्यूं - नरेन्द्र सिंह तोमर ''आनन्द''

बुधवार, मई 13, 2015

मुरैना अपराध डायरी : किस्सा ए लैला मजनूं , एक नादर्ज अपराध ख् एक कूटरचित और फर्जी अटल ज्योति योजना का

मुरैना अपराध डायरी : किस्सा ए लैला मजनूं , एक नादर्ज अपराध ख् एक कूटरचित और फर्जी अटल ज्योति योजना का
सच तो आखि‍र सच है, कब तक और कहॉं तक दबाया जायेगा, , और यूं ही खत्म नहीं हो गई हुकूमत और सल्तनत ए कांग्रेस
अटल ज्योति बनाम म.प्र. का कलंक , एक घोर व संगीन आपराधि‍क जुर्म, फर्जी योजना और उसमें हुये फर्जीवाड़े, मिथ्या घोषणा करने , मिथ्या व असत्य कृत्य अमूल्य व बहुमूल्य संपत्ति अर्जि‍त करने पर दर्ज हो सकती है शि‍वराज सिंह पर और भाजपा नेताओं सहित बिजली अधि‍कारीयो व अन्य सरकारी अफसरो पर एफ.आई.आर.
• अटल कटौती जो कि म.प्र. की जनता पर आफत का परकाला बन चुकी , पर कांग्रेस करती रही फर्जी नौटंकी व सतही दिखावा , वरना चाहती तो शि‍वराज सिंह चौहान सन 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले ही अपनी प्रायवेट लिमिटेड कम्पनी सहित जेल में होते 
• धरना प्रदर्शनों और आंदोलनों के बजाय सीधे मैदान में उतरकर कांग्रेस को दर्ज करानी थी एफ.आई.आर. , मगर नहीं कराई , संदेह के घेरे में कांग्रेस के नेता वरना सन 2013 के विधानसभा चुनाव से पहले सन 2008 में ही म.प्र. में सरकार बदल जाती
मुरैना अपराध डायरी – प्रथम किश्त
• नरेन्द्र सिंह तोमर ‘आनन्द’’ , एडवोकेट Gwalior Times   Worldwide News & Broadcasting Services                          www.gwaliortimes.in

इसमें तो खैर कोई शक ही नहीं तथाकथि‍त ‘’अटल ज्योति’’ नामक योजना पूरी तरह से सार्वजनिक रूप से बोला कहा गया एक सरासर सफेद झूठ , मिथ्या अवलंबन, मिथ्या साक्ष्य रचना, कूटरचना , जालसाजी , जनता के साथ छल एवं धोखाधड़ी कर जनता की अमूल्य व बहुमूल्य संपत्ति ( वोट) को हासिल करना, ‘’अटल ज्योति नामक योजना के कूटरचित दस्तावेज ‘’ तैयार करना, एक दिखावटी कार्यक्रम आयोजन कर जनता को छल कपट पूर्वक आपराधि‍क षडयंत्र रच कर बरगलाना , फुसलाना और उससे प्राप्त वोट का उपयोग करना तथा उससे सत्ता हासिल कर सत्तानशीं हो जाना ।
भारतीय दण्ड विधान ( आई.पी.सी.) के तहत ये सब कृत्य घोर व गंभीर प्रकृति के संगीन व गैर जमानतीय अपराध हैं , और जहॉं इनमें जमानत बमुश्कि‍ल होगी तो वहीं इनकी सजा आजीवन कारावास से कम किसी हाल में नहीं है ।
ऐसे किसी भी कार्य में किसी भी प्रकम पर , चाहे वह ऐसी कूटरचित फर्जी योजना की घोषणा कराने, बनाने या उसे जालसाजी कर लागू करने के दिखावटी या कृत्रिम सम्मेलन या कार्यक्रम या किसी आयोजन में उपस्थि‍त किसी भी व्यक्तिे को जो इस पूरे प्रकम पर कहीं भी दखल या मौजूदगी रखता हो , आई.पी.सी. की धारा 34 या 120 बी के तहत स्वयं ही मुल्जिम बन जाता है
25 नवंबर 2013 को शाम से ही मतदान के बाद से ही म.प्र. में बिजली का वितरण, संवितरण प्रभावित हो गया था और अटल ज्योति नामक योजना का कूटरचित व फर्जी होना एवं प्रदेश की जनता के साथ एक बड़ी जालसाजी होने का एक साक्षात साक्ष्य व सबूत बन गया था ।
लेकिन उसके बाद जो म.प्र. में बिजली ने कहर ढाया वह कहर आज तक नहीं थमा , अब तो म.प्र. का आलम यह है कि अघोषि‍त बिजली कटौती के साथ साथ घोषि‍त बिजली कटौती भी भरी भीषण गर्मी में बदस्तूर जारी है गांया कुल मिलाकर घटित अपराध आज दिनांक तक और इस वक्त तक बदस्तूर जारी है ।
इस सम्बंध में बेहद व्यापक , रोचक व मजेदार तथ्य यह है कि , महज दो साल के या पौने दो साल के अल्पकार्यकाल में ही म.प्र. के मुख्यमंत्री शि‍वराज सिंह चौहान ने दो बार तथाकथि‍त सी.एम. हेल्प लाइन की घोषणा कर डाली , एक बार एक मोबाइल नंबर जारी किया गया , दूसरी बार 181 के नाम से पुरानी हेल्पलाइन को खत्म कर नई हेल्पलाइन शुरू की गयी । सी.एम. हेल्पलाइन 181 वैसे तो लगती ही नहीं , अगर बार बार प्रयास करते रहें और लग भी जाये तो करीब 70 फीसदी शि‍कायतों को दर्ज करने से इंकार कर दिया जाता है । यदि भूले भटके कोई शि‍कायत दर्ज भी कर ली गई तो अव्वल तो वह कभी निराकृत की ही नहीं जायेगी , हमारी सूचना के अनुसार करीब 90 फीसदी दर्ज शि‍कायतें आज दिनांक तक अनिराकृत हैं ।
अब जरा शि‍कायतों के निराकरण पर या फर्जी सरकारी जवाबों पर भी गौर फरमाया जाये तो आईये पहले वह अपराध आपको बताते हैं जो सरकारी क्षेत्र के कर्मचारी या अफसर या सरकारी क्षेत्र की बिजली कंपनी के लोग करते हैं , और किसी शि‍कायत के निराकरण में सरासर झूठ व फर्जी , मिथ्या असत्य उत्तर देते हैं । पहली बात यह कि किसी लोकसेवक द्वारा ( भले ही महज टेलीफोन से, ई मेल से या एस.एम.एस. या अन्य इलेक्ट्रानिक माध्यम द्वारा केवल मौखि‍क सूचना ही प्राप्त हुई हो)  सूचना या इत्तला का दर्ज न किया जाना घोर व संज्ञेय प्रकृति का गैर जमानती अपराध है , इस सम्बन्ध में आई.पी.सी. सहित , सूचना का अधि‍कार अधि‍नियम 2005 , एवं भारत के माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सन 2008 में दिया गया स्पष्ट प्रावधान वर्णिीत एवं उपलब्ध है, माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा है कि ‘’ सूचना या इत्तला या एफ.आई.आर. दर्ज करने में असफल व्यक्ति को तत्काल सेवा से बर्खास्त कर , जेल में भेजा जाये ‘’ कुल मिलाकर आपको हर हाल में किसी भी सूचना या इत्तला या एफ.आई.आर. को दर्ज करना ही होता है , चाहे आप उससे पूरी तरह से असहमत हों, और स्वयं उसे असत्य मानते हों । 
आई.पी.सी. में किसी सूचना का लोकसेवक को ( पुलिस को या ऊपर से कार्यवाही कर रहे इस प्रक्रम की कार्यवाही कर रहे विभाग या अधि‍कारी को) न देना , सूचना या जानकारी का लोप करना, इत्तला छिपाना , अपराध हैं और पुलिस द्वारा ऐसे मामलों में एफ.आई.आर. दर्ज करना अनिवार्य है । इसी प्रकार किसी लोकसेवक द्वारा अपने कर्तव्य निर्वहन के दौरान गलत व भ्रामक इत्तला देना, असत्य सूचना देना, असत्य व मिथ्या जानकारी भेजना या देना , लोकसेवक का कर्तव्य निर्वहन करते हुये असत्य व अशुद्ध  लेखन या असत्य व अशुद्ध अंकन , असत्य कथन या बयान या घोषणा अपराध हैं व पुलिस द्वारा इस अपराध की भी एफ.आई.आर. दर्ज करनी अनिवार्य है । 
अपराध डायरी का यही अपराध जारी रहेगा मुरैना अपराध डायरी के अगले अंक में
इससे अगला अपराध–इसी डायरी में पढि़ये एक नादर्ज आपराधि‍क मामला, एक महाघोटाला और फर्जीवाड़ो का बाप महाफर्जीवाड़ा ......  और रातों रात शहर के बीचों बीच से गायब हो गई भारत सरकार की करोड़ों रूपये की इमारत, योजना और अमला सहित सैकड़ो महिलायें

रविवार, मई 03, 2015

मुरैना के सारे नीच कमीने और भ्रष्ट नेता और अफसर इसे पढ़ लें गौर सें और सुन लें ध्यान से

ऐ भ्रष्ट और महा कुत्ते चाहे बिजली काट के रख , चाहे हजार उपाय कर , श्री कृष्ण को रोकने के कंस ने हजार उपाय किये , मगर फिर भी हुआ वही जो होना था , बंदीगृह के द्वारा खुले और पहरेदार सोये, तेरा बाप भी उतर आये तो भी हमारे वर्ल्डवाइड ब्राडकास्ट और वर्ल्डवाइड रिलीज नहीं रूक सकतीं , ले देख समूचे विश्व में प्रसारित हो चुकीं हैं , ये हमारा करारा झन्नाटेदार तमाचा तेरे मुँह पर .....  याद रखना राजपूत का एक हाथ सात स्वर्ग , सात पाताल सब नपा देता है ....   और हम नपा देंगें
मुरैना की पूरी रात और पूरे दिन चल रही बिजली कटौती के नाम और म.प्र. के मुख्यमंत्री की सी.एम. हैल्प लाइन के सौ फीसदी फेल हो जाने के उपलक्ष्य में आज यूनाइटेड नेशन्स द्वारा घोषि‍त  '' विश्व प्रेस आजादी दिवस '' के शुभ अवसर पर धुआंधार अंधाधुंध ''अटल ज्योति की अटल कटौती'' के नाम चम्बल प्रेस क्लब की ओर से विश्वस्तरीय ब्राडकास्ट व रिलीज ( हकीकत यह है और इसके पीछे कौन है , कुछ नाम बता दिये हैं , कुछ नाम आगे बतायेंगें, हालांकि मामला लोकायुक्त, आर्थ‍िक अपराध अन्वेषण ब्यूरो सहित , आपराधि‍क प्रकरण दर्ज कराने की दहलीज पर पहुँच चुका है ) इसके साथ ही इसमें कार्यवाही न करने / प्रकरण / एफ.आई.आर. दर्ज न करने की सूरत में सी.आर.पी.सी. सेक्शन 482 भी एक्सरसाइज करने की तैयारी की जा चुकी है , उल्लेखनीय है कि मुरैना जिला के पूर्व जिला शि‍क्षा अधि‍कारी हरीदास शर्मा के मामले में धारा 482 एक्सरसाइज की गई थी , जिसमें हरीदास शर्मा सहित करीब 80 लोगों के विरूद्ध एक ही एफ.आई.आर. में 46 अपराध दर्ज हुये थे । प्रकरण अपराध संख्या 663/02 दिनांक 20 सितम्बर 2002 है , इसके उपरांत इसी धारा की एक्सरसाइज मुरैना जिला में दर्ज हुये मुरैना कलेक्टर राधेश्याम जुलानिया द्वारा ( तत्कालीन ) दर्ज कराये गये फर्जी छात्रवृत्त‍ि के 42 मामलों में किया गया था , और हाईकोर्ट ने सारे मामले दोषगत व अवैध दर्ज पाकर सील करवा दिये थे । ग्वालियर टाइम्स मुरैना जिला में हुये बहुत बड़े बड़े और संगीन अपराधों , सरकारी गबनों और भ्रष्टाचार पर पर्दा उठाने के लिये एक नयी पर्दाफाश सीरीज शुरू करने जा रहा है ।
 इस सीरीज में आप मय सबूत जानेंगें और देखेंगें कि कवल अकेले मुरैना जिला में ही अरबों खरबों रूपये का सरकारी गबन भ्रष्टाचार और अंधेरगर्दी और फर्जीवाड़ा हुआ है  जिसमें चंबल कमिश्नर से लेकर प्रमुख सचिव तक स्तर तक के अधि‍कारी ही नहीं मुरैना के सांसद और विधायकों से लेकर अनेक मंत्री और नेता लिप्त हैं , इसमें बिजली विभाग सहित सिंचाई विभाग के भी बहुत तगड़े घोटाले और फर्जीवाड़े शामिल रहेंगें, यह सीरीज अगले हफ्ते से ग्वालियर टाइम्स पर शुरू होगी , अवश्य पढि़ये , फिलवक्त हमारे साथ मुरैना जिला की चल रही बदस्तूर बिजली कटौती का आनन्द लीजिये और यह गीत सुनिये  www.gwaliortimes.in    ;   http://www.facebook.com/TomarRajvansh/

मंगलवार, अप्रैल 28, 2015

राजनीतिक कारणों से ध्वस्त हुई ( की गई) मुरैना जिला की विद्युत सप्लाई

राजनीतिक कारणों से ध्वस्त हुई ( की गई) मुरैना जिला की विद्युत सप्लाई ...... कल पूरे दिन और आज पूरी रात गुल रही मुरैना की बिजली ....... सुबह सवेरे अभी तक गुल है मुरैना जिला की विद्युत सप्लाई ...... गणेश शंकर विद्यार्थी प्रेस क्लब मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री को लिखेगा पत्र , कई भ्रष्ट , नाकारा और शासकीय सेवा हेतु अयोग्य व अपात्र राजनीतिक दलों से संबद्ध आफिसर्स एवं कर्मचारीयों को मुरैना जिला से तुरंत व तत्काल हटाने की मांग करेगा .... नरेन्द्र सिंह तोमर ''आनन्द'' , अध्यक्ष , प्रेस क्लब , चम्बल संभाग एवं मुरैना जिला

सोमवार, अप्रैल 27, 2015

बेमौसम वारिशों का दौर फिजाओं की ऋतु में, कहर बिजली कटौती का तपती दोपहरी की भीषण गर्मी में जो देखि‍ये तो म.प्र. आईये, सुलझा आखि‍र राजपूताने के दखल से दिल्ली में किसान आत्महत्या का मसला , शहीद के दर्जे के साथ ताम्रपत्र भी



बेमौसम वारिशों का दौर फिजाओं की ऋतु में, कहर बिजली कटौती का तपती दोपहरी की भीषण गर्मी में जो देखि‍ये तो म.प्र. आईये, सुलझा आखि‍र राजपूताने के दखल से दिल्ली में किसान आत्महत्या का मसला , शहीद के दर्जे के साथ ताम्रपत्र भी
ना सुनवाई को हुकूमत है, न हाकिम फरियाद कोई करने को, जब जुल्मी ही हुकूमत और हाकिम है तो फरियाद किसे करिये, दिल्ली मसले सुलझाने में राजस्थान के राजपूताने के क्षत्रिय राजपूत रजवाड़े और चंबल का तोमर राजपरिवार भी सारे मामले में सक्रिय भूमिका में रहा , नरेन्द्र सिंह तोमर को ‘’आप’’ द्वारा ‘’ चंबल’’  से दिल्ली में महत्वपूर्ण भूमिका में ले जाने की तैयारी
नरेन्‍द्र सिंह तोमर ‘’आनंद’’
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( प्रथम भाग) किश्तबद्ध आलेख
जल्लाद ही जब हाकिम हो, तो फरियाद क्या करना, अपराधी ही जब हुकूमत हो तो सैयाद से क्या कहना ।
म.प्र. की हालत कोई आजकल से नहीं , पूरे 15 वर्ष से बदस्तूर बेहद खराब व खस्ता है, कम से कम बिजली कटौती के मामले में, बिजली कटौती के मामले में हर चुनाव पर ( सन 2003, सन 2008, सन 2013) म.प्र. की भाजपा सरकार द्वारा या भारतीय जनता पार्टी एक फर्जी व फेक मुहिम चलाती है, हर बार उसका एक अलग नामकरण कर देती है ।
सन 2013 के चुनावों के ऐन पहले ऐसी ही एक मुहिम चलाई गई और नाम दिया गया ‘’अटल ज्योति’’ योजना , इस योजना के बारे में प्रचार प्रसार , उद्घाटन समारोह आदि ( जो कि 90 फीसदी जगहों पर जनरेटर लगा कर किये गये ) पर करोड़ों अरबों रूपये म.प्र. की शि‍वराज सिंह सरकार ने महज बोतल पर लेबल चिपकाने और ढक्कनबाजी में फूंक दिये ।
मगर म.प्र. में बिजली फिर भी नहीं आई, अटल ज्योति फिर भी नहीं आई , अलबत्ता करीब सन 2005 के अंत से म.प्र. में चल रही अघोषि‍त बिजली कटौती का अंतराल काल बहुत बढ़ गया ।
म.प्र. में सन 2005 के पश्चात कभी घोषि‍त बिजली कटौती हुई हो, ऐसा पूरे 10 वर्ष के कालखंड में तो कभी हुआ नहीं ।
अलबत्ता अफसरशाही और नेतृत्व व राजनैतिक भ्रष्टाचार, लालफीताशाही म.प्र. पर इस कदर हावी हुई कि ना जनता की सुनने वाला कोई म.प्र. में हजारों किलोमीटर दूर तक बचा और ना कार्यवाही करने वाला ।
अंजाम ये हुआ कि 15 वर्ष से बिजली को तरस रहे इस म.प्र. में इतने समय खंड में आज तक वह दिन आया ही नहीं जब बिजली सप्लाई म.प्र. के एक भी शहर या गॉंव में कभी पूरे दिन या पूरी रात आई हो या रही हो, अपवाद स्वरूप यदि शहर भोपाल के चंद हिस्सों को छोड़ दें या इंदौर ग्वालियर या जबलपुर के चंद हिस्सों को छोड़ दें तो समूचे म.प्र. में ऐसा कोई स्थान नहीं मिलेगा , जहॉं से बिजली लापता न हो ।  .....       शेष अगले अंक में जारी
आखि‍र राजपूतों के दखल से सुलझ गया , दिल्ली की आप रैली में किसान गजेन्द्र सिंह की आत्महत्या का मामला
दिल्ली से बड़ी खबर है कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी की किसान रैली में राजस्थान के दौसा जिला के किसान गजेन्द्र सिंह द्वारा आत्महत्या का मामला तूल पकड़ जाने और समस्या बन जाने व समाधान से बाहर हो जाने पर जब कोई राह केजरीवाल सरकार के सामने नहीं रही तब केजरीवाल के काम राजपूताने के राजपूत ही आये, राजस्थान के राजपूताने के क्षत्रिय राजपूत रजवाड़ों से बेहतर संबंध रखना केजरीवाल के लिये वक्त पर मुफीद साबित हुआ, और वक्त जरूरत न केवल काम आ गया बल्क‍ि एक बहुत बड़े संकट से निजात दिलाकर , आने वाले वक्त में राजस्थान , म.प्र. और उ.प्र. हरियाणा, बिहार, पंजाब में आम आदमी पार्टी की जड़े पुख्ता करने का संकेत देक एक रास्ता बना गया ।
केजरीवाल सरकार के राजपूत नेता संजय सिंह , राजेन्द्र प्रताप सिंह , दिल्ली सरकार के एक राजपूत  मंत्री राजस्थान के दंबंग व हुकुमदार असल क्षत्रिय राजपूत नेताओं व रजवाड़े के सदस्यों के प्रतिनिधि‍ मंडल के साथ पीडि़त परिवार के घर पहुँचें व स्व. गजेन्द्र सिंह के परिवार के सदस्यों से मुलाकात की, और पारस्परिक वार्ता व अपेक्ष‍ित घोषणाओं एवं सहायता देने के ताम्रपत्र दिये जाने की घोषणा के साथ मामले का पटाक्षेप हो गया ।
इस कार्यवाही या मुलाकात के लिये चम्बल से दिल्लीपति महाराजा अनंगपाल सिंह तोमर के वंशज नरेन्द्र सिंह तोमर को भी फोन लगा कर बुलाया गया, लेकिन नरेन्द्र सिंह तोमर की तत्समय बहुत अधि‍क व्यस्ततावश उन्होनें कहा कि ‘’ आप लोग चले जाईये , कोई दिक्कत हो या समस्या न सुलझे तो फोन से ही हमारी बात करा दें, इसके साथ ही नरेन्द्र सिंह तोमर ने पीडि़त परिवार को सहायता व मदद दिये जाने के संबंध में अपनी कुछ राय व मशविरे दिये’’  , जिसे आप नेताओं व राजस्थान के राजपूताने के क्षत्रिय राजपूत रजवाड़ों ने जस का तस शामिल व स्वीकार कर लिया , उल्लेखनीय है कि इंद्रप्रस्थ पति पांडव अर्जुन , दिल्लीपति महाराजा अनंगपाल सिंह तोमर के वंशज ‘’जिन्हें भारत’’ कहा पुकारा जाता है और उन्हीं के कारण इस देश का नाम भारत है , उनके आदिकाल से नियुक्त किये गये वंशावली लेखक ( जगा) राजस्थान के दौसा जिला में ही रहते हैं और तोमर राजपरिवार एवं पांडव वंश की सारी वंशावली दौसा जिला के राजपूताने में ही आदिकाल से नियुक्त किये गये वंशावली लेखक परिवार द्वारा ही आज दिनांक तक दर्ज की जाती रहीं हैं । और तोमर राजवंश को समस्त राजपूताने में मान्य पूज्य व चक्रवर्ती सम्राट के रूप में क्षत्रियों राजपूतों में भारत ( महाभारत स्वामी ) के रूप में दर्जा व मान्यता है , और उनकी बात या इच्छा या आदेश समस्त क्षत्रिय राजपूत बेहद खुशी से व स्वेच्छा से मानते व स्वीकारते हैं ।
केजरीवाल सरकार द्वारा अब किसान गजेन्द्र सिंह को किसान आत्महत्याओं के बारे में देश भर में अलख जगा कर सारे देश का ध्यान खींच कर क्रान्ति‍ जगाने वाला महान देशभक्त शहीद का दर्जा दिया जायेगा, इसके अतिरिक्त शहीद गजेन्द्र सिंह के परिवार के एक आश्रित को सरकारी नौकरी देने के साथ ही कई अनेक अन्य सहायताओं व घोषाणाओं का ताम्रपत्र शहीद गजेन्द्र सिंह के परिवार को दिया जायेगा । इस संबंध में बाकायदा दिल्ली सरकार की केबिनेट की बैठक में इस आशय का प्रस्ताव विधि‍वत अनुमोदित किया जायेगा ।   
महिलाओं के लिये ''साध्वी शब्द '' अशास्त्रीय, अपरंपरागत एवं अमान्य है
- नरेन्द्र सिंह तोमर ''आनन्द''
शब्द ''साध्वी'' सनातन धर्म परंपरा में मान्य व स्वीकृत एवं प्रमाणित शब्द नहीं है, कुआरी स्त्र‍ियों, अविवाहित स्त्र‍ियों के लिये ''कुमारी पूजन '' ''देवी स्वरूपा पूजन की परंपरा अवश्य मान्य है , किन्तु उनका सन्यास या विरक्त‍ि विधान या तप विधान शास्त्रीय एवं राजाज्ञा या शास्त्राज्ञा अनुकूल व वर्णि‍त , प्रमाणिक एवं मान्य यथोचित नहीं है । कुमारी, कुआरी, या अविवाहित नारी का तप व सन्यास '' शास्त्र द्वारा शिखंडी'' के नाम से व स्वरूप से वर्ण‍ित व मान्य परंपरागत है, इसके अतिरिक्त भारत का कोई भी प्राचीन शास्त्र शब्द साध्वी को स्वीकार व मान्य या उल्लेख नहीं करता, कुमारी देवीयों के रूप में जिनके यंत्र केवल मात्र अधोमुखी त्रिकोणों द्वारा लिखे व बनाये जाते हैं , वे साक्षात अवतार या देवी रूवरूप में विद्यमान मान्य व स्वीकृत हैं ।
इसी प्रकार विधवा महिलाओं या रजो व काम निवृत्त महिलाओं के लिये भी शब्द साध्वी प्रयुक्त व उपरोक्तानुसार ही प्रयोग्य नहीं है । पथरा जाना या पत्थर की हो जाना ( भले ही वह ईश्वर की साधना या तपस्यारत हो जाये) शब्द सनातन धर्म इस श्रेणी की महिलाओं के लिये प्रयोग करता है ।
पति विरक्त, परित्यक्त , गार्हस्थ्य विहीन या त्याज्य महिलाओं या स्वयं परित्याग करके आई हुई महिलाओं के लिये , जैसे कि गौतम ऋषि की पत्नी अहिल्या के लिये या माता शबरी के लिये भी साध्वी शब्द प्रयोग नहीं किया गया , साध्वी शब्द इस श्रेणी की महिलाओं के लिये भी प्रयोग नहीं किया जाता , इन्हें भी पथराई हुई या पत्थर में तब्दील नारी की श्रेणी में रखा गया है , देशी देहाती प्रचलित शब्द व भाषा में इनमें से कुछ के लिये परंपरागत शब्द ''काग बिड़ारनी'' प्रयोग किया जाता है ।
श्रीमद भगवदगीता में भी तथा अन्यान्य सनातन धर्म के ग्रंथों व शास्त्रों में '' शब्द साधु '' मान्य व स्वीकार है , जिसका तात्पर्यि‍क अर्थ .... सज्जन , निर्मल, निष्कपट, निश्छल , निष्काम, आसक्त‍ि हीन, मनुष्य के लिये गीता में वर्णि‍त धर्माचरण युक्त पुरूष के लिये किया गया व अन्य शास्त्रों ग्रंथों व राजाज्ञाओं के अनुसार मान्य व स्वीकृत है , जबकि शब्द साध्वी अप्रचलन व अमान्य व अस्वीकृत है , महिला के रूप कुल 84 होते हैं, जिसमें से उसे या तो 64 योगनीयों ( जो‍गिन ) के रूप में या दस महाविद्याओं के स्वरूप में या आदि शक्त‍ि या त्रिमहामाया ( एक ही रूप है ) के रूवरूप में, या नौ देवियों के रूप में स्वीकार व मान्य किया जाता है , इन 84 रूपों के अलावा महिलाओं को अन्य जिन रूपों में मान्य व स्वीकार किया  गया है उनमें देवी के विभि‍न्न अवतार, यक्षणी, जिन्न, गंधर्व- अप्सरा, किन्नरी, पिशाचणी, शंखणी, हस्तिनी , पद्म‍िनी, , वृषणी, अश्वणी, चन्द्रमा की सत्ताइस पत्न‍ियों आदि आदि सहित 108 अन्य स्वरूप भी स्वीकार किये गये हैं , स्त्री का धर्माचरण उसके पति से सहबद्ध होता है, बिना पति की नारी धर्म विहीन रहती है, पति चिन्तन और पति स्मरण ध्यान व वंदन समर्पण ही नारी का सर्वश्रेष्ठ धर्माचरण एवं उसके मोक्ष मार्ग का सर्वोच्च साधन है ( विशेष आलेख इस विषय पर जल्दी ही लायेंगें)    ...... जय श्री कृष्ण .... जय जय श्री राधे - नरेन्द्र सिंह तोमर ''आनन्द''