गुरुवार, जनवरी 17, 2008

बिजली कटौती : कोहराम जारी बुधवार को रात में भी कटी बिजली

बिजली कटौती : कोहराम जारी बुधवार को रात में भी कटी बिजली

मुरैना 17 जनवरी । बिजली कटौती का कोहराम बदस्‍तूर जारी है । चम्‍बल सम्‍भाग के शहर मुख्‍यालय मुरैना पर बुधवार 16 जनवरी को सुबह की जाने वाली नियमित कटौती के चलते सुबह 7 बजे से 10:15 बजे तक जहॉं नियमित बिजली कटौती हुयी वहीं रात को तीन बार बिजली कटने से पहले शाम 7:45 बजे से 8:15 बजे तक और फिर रात 9 बजे से 10 बजे तक फिर इसके बाद रात 10:20 बजे से 10:50 बजे तक सम्‍भागीय मुख्‍यालय के शहर में अंधेरा कायम रहा ।

भिण्‍ड की दशा और भी बुरी है वहॉं भिण्‍ड शहर में दिन और रात दोनों वक्‍त की अन्‍धाधुन्‍ध कटौती के चलते लोगों ने स्‍थायी तौर पर मोमबत्‍तीयों और लालटेनों के साये में जीवन को अपनी नियति मान लिया है ।

चम्‍बल अंचल के ग्रामीण क्षेत्रों की स्थिति पूर्ववत है यानि चार पांच दिनों तक बिजली मयस्‍सर नहीं है । उल्‍लेखनीय है कि जहॉं बिजली के अभाव में किसानों के खेतों की फसलें सूख गयीं हैं वहीं छात्रों की परीक्षायें भी प्रारंभ होने जा रहीं है , तथा बिजली पर आधारित लघु उद्यम व व्‍यवसाय तो पहले ही चौपट हो चुके हैं ।

 

मंगलवार, जनवरी 15, 2008

रविवार को 8 और सोमवार को साढ़े 6 घण्‍टे की बिजली कटौती रही

रविवार को 8 और सोमवार को साढ़े 6 घण्‍टे की बिजली कटौती रही

मुरैना । उधर चम्‍बल नहर में इस साल पानी नहीं आने से जहॉं खेतों खड़ी फसलें सूख गयीं हैं वही छात्रों की परीक्षायें भी अगले माह से प्रारंभ होंगीं इस दरम्‍यान बिजली कटौती का अघोषित व अन्‍धाधुन्‍ध शिडयूल जारी है ।

रविवार 13 जनवरी को सुबह 7 बजे से दोपहर 3 बजे तक यानि 8 घण्‍टे और सोमवार को सुबह 7 बजे से 12:30 बजे तक फिर दोबारा सायं 5 बजे से 6 बजे तक यानि साढ़े 6 घण्‍टे अघोषित रूप से बिजली कटौती हुयी । यह कटौती चम्‍बल संभाग के शहर मुख्‍यालय मुरैना शहर में हुयी । ग्रामीण क्षेत्रों में तो चार चार दिन तक बिजली के दर्शन मयस्‍सर नहीं हैं । उल्‍लेखनीय है कि इस वर्ष चम्‍बल नहर में पानी नहीं आया है और चम्‍बल के गांव थोगापुरा पर ही चम्‍बल नहर ने दम तोड़ दिया था जिसके चलते तंवरघार क्षेत्र को इस साल पानी की बूंद नहीं मिली है और तोमरों तथा आगे भदौरियों व कुशवाहों के खेतों की फसलें लगभग सूख गयीं हैं । यह वह क्षेत्र है जहॉं हरियाली और बरकत के कभी न टूटने वाले असीम जल स्‍त्रोत कभी हुआ करते थे ।

ज्ञातव्‍य है कि चम्‍बल नहर का पानी दो भाजपा सरकारों की राजनीतिक मसखरी या नूराकुश्‍ती के बीच फंस कर रह गया है राजस्‍थान की वसुन्‍धरा सरकार और मध्‍यप्रदेश की शिवराज सरकार दोनों ही भाजपा की सरकारें हैं । बावजूद इसके इस साल किसानों को नहर का पानी नहीं मिल पाया है ।