आखिर ठप्प हुआ शिवराज का बिजलीघर, चम्बल में पॉंच दिन कहर के, बिजली सप्लाई पूर्णत: ठप्प
चम्बल में पॉंच दिन कहर के, बिजली सप्लाई पूर्णत: ठप्प
लाम्बा की लम्बी कटौती ,अखबारों में खबर छापने के गुनाह का दण्ड भुगत रही है जनता
मुरैना 21 जून 2006 । ग्वालियर टाइम्स समाचार सेवा । चम्बल पर पिछले पॉंच दिन कोहराम बन कर टूटे हैं, समूचे ग्रामीण अंचल सहित जिला एवं तहसील मुख्यालयों सहित संभागीय मुख्यालय शहर मुरैना में विगत पॉंच दिनों से विद्युत सप्लाई एकदम ठप्प हो गयी है ।
आखिर ठप्प हुआ शिवराज का बिजलीघर
भिण्ड, मुरैना जिलों की विद्युत सप्लाई एकदम बन्द होकर चम्बल अंचल में कहर का सा आलम छा कर हाहाकार मच गया है ।
शहर मुरैना संभागीय मुख्यालय होने के साथ जहॉं आयुक्त कार्यालय भी है , की दशा इतनी अधिक दयनीय हो गयी है कि शहर के आधे से ज्यादा भाग में विद्युत सप्लाई पिछले पॉंच दिनों से एकदम बन्द है । सारे दिन और रात मिला कर महज छ: घण्टे की बिजली के सहारे पिछले पॉंच दिनों से आधे से ज्यादा शहर की जनता भीषण गर्मी और मच्छरों से जूझ रही है ।
विद्युत वितरण कम्पनी के अधिकारी लाम्बा जी की इस लम्बी अघोषित अनियंत्रित,अन्धाधुन्ध कटौती के सम्बन्ध में चर्चा ग्वालियर टाइम्स से हुयी तो 17 तारीख को लाम्बा बोले परमिट है सो सुबह छ बजे की गुल हुयी बिजली शाम छ बजे आयी और शम साढे सात बजे फिर जो गयी तो रात बारह बजे आयी, 18 तारीख को विद्युत कम्पनी ने दैनिक भास्कर में विज्ञापन देकर कहती है कि आज से फलां फलां मोहल्ले में फलां फलां तारीख को सुबह छ बजे से चार बजे तक बिजली नहीं रहा करेगी ,गोया चार जुलाई तक सीजनल मेण्टीनेन्स होना है । अब भईया लाम्बा यार आज की तारीख में जिन मोहल्लों के नाम तुमने अखबार में नहीं छपवाये उनमें सुबह छ बजे गयी बिजली रात एक बजे वापस आई है हुजूर इसे घोषित मानें कि अघोषित । यार इतनी तो न पिया करो कि मोहल्ले ही भूल जाओ कि कहॉं काटनी है , अरे अपने विज्ञापन का पेपर ही उठा कर देख लेते , प्यारे अफसर बंटाढार, जहॉं काटने की बात थी वहीं काट लेते, आध्ो से ज्यादा शहर की क्यों तीन दिन से काट रखी है । और कटौती भी इतनी बुरी कि सुबह छ बजे से रात बारह और एक बजे तक । धन्य हो महाराज । हो गयी जय राम जी की । अरे भईया सारी चम्बल में बिजली का कोहराम मचा है , अब अखबार तुम्हारे खिलाफ लिख छाप रहे हैं तो उनका क्या कसूर, भईया जनता चिल्लाती है यार लाम्बा सो उन्हें लिखना पड.ता है । अब ये तुम्हारी बदकिस्मती है दोस्त कि हर गांव हर तहसील से आपके खिलाफ आवाज आ रही है । विज्ञापनों के लालच दो या मोबाइल सेट का जनता की आवाज कब तक कुचलवाई जा सकती है ।
अब हर जगह एक ही खबर है कि फलां जगह बिजली की आफत , तुम्हारी सरकार का ही वायदा था कि चुनाव जीत कर केवल तीन महीने में बिजली ही बिजली कर देंगें । अब तुम नहीं कर पाये तो इसमें जनता का या अखबारों का क्या दोष ।
बिजली काट कर जो संदेश आप पहुंचाना चाहते हैं , हमने पहुंचा दिया है । खुश रहो और काटो , काटो फिर पता नहीं मौका मिले न मिले । जय राम जी की ।
धन्य हैं प्रभु आप और आपकी सरकार । जनता करती हाहाकार ।।
और बढाओ अत्याचार, मार काट का रहे न पार ।।
गौर की याद आयी जनता को
बिजली के मामले में अब तक केवल एक ही मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर ऐसे हुये जिनके कार्यकाल में बिजली व्यवस्था चकाचक रही और जनता को परेशानी का अहसास नहीं हुआ । आजकल लोग बाबूलाल गौर की याद में कशीदे बॉंच रहे हैं । और उमा भारती के कारण मुख्यमंत्री धोखे से बन बैठे शिवराज और उमा दोनों को ही कोस रहे हैं । अब गालियॉं कितनी पड् रही हैं ये तो कहीं भी किसी भी गली में घुस कर बिजली न रहने पर ही सुना और देखा जा सकता है । लोग कहते हैं शिवराज को एक पुराने मुख्यमंत्री का दूसरा अवतार । जिस बिजली ने सरकार बदल थी, आज फिर उसी मोड् पर वरन उससे भी ज्यादा संक्रमण काल में शिवराज सरकार आ पहुँची है ।
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