बुधवार, मई 23, 2007

अघोषित अन्धाधुन्ध विद्युत कटौती से ग्रामीण जन जीवन अस्त व्यस्त

अघोषित अन्धाधुन्ध विद्युत कटौती से ग्रामीण जन जीवन अस्त व्यस्त

मुरैना (दिमनी) 12 जून 2006 ! भयानक गर्मी और मौसम जनित रोगों के प्रकोप से त्रस्त मुरैना जिला के ग्रामीण अंचल पर विद्युत वितरण कम्पनी के कहर का साया भी आतंक बन कर टूटा है ! स्थानीय दिमनी कस्बे के हालात और आसपास के गांवों की हालत उससे भी ज्यादा खस्ता है !
यहाँ पदस्थ स्थानीय विद्युत सुपरवायजर की तानाशाही और धींगामश्ती के चलते ग्रामीणों को काफी संकट से गुजरना पड़ रहा है ! जहाँ जिले का तापमान भयानक गर्मी के चलते 42-43 डिग्री पर चलकर धरती और अम्बर को दहला रहा है वहीं इस विकट गर्मी में समस्याओं और असुविधाओं के चलते सूचना प्रौद्योगिकी क्रान्ति के इस दौर में चन्द टुकड़े बिजली के लिये मोहताज रहकर, अठारहवीं सदी के विकट दिनों में जीना पड़ रहा है !
चिलचिलाती धूप और तपती जमीन में थमती हवाओं की मार के बीच बिलबिलाते लोग और बिलखते बच्चे, हाथों को पंखा बनाकर झलते बूढ़े हाथ बस यही कहानी है दिमनी और उसके आसपास के गाँवों की ! सरकार के दावों की पोल खोलती कहानियाँ यहाँ हर गली चौराहे पर आम तौर पर दृष्टव्य हैं !
यू ंतो यहाँ नल जल योजना भी है, मगर बिना बिजली यह योजना भी सूखे नलों से आशा लगाये लोगों को महज मुँह चिढ़ाती नजर आती है !
न पानी, न बिजली, न सुनवाई, न रहमत बस कष्ट से सही लोग जी रहे हैं !
बताया जाता है कि यहाँ पदस्थ विद्युत सुपरवायजर सहित विद्युत वितरण कम्पनी का सारा अमला शहर मुरैना में निवास करता है और अव्वल तो वे यहाँ आते ही नहीं और आये भी तो जनता की सुनते नहीं ! जनता को डाँट डपट की घुटटी पिला कर छुटटी !
स्थिति इतनी बदतर है कि दिन में कभी एक घण्टे के लिये तो कभी दो धण्टे के लिये बिजली आती है , रात के भी हालात यहीं हैं, रात में बिजली न जाने कब आ जाये और न जाने कब चली जाये कोई पता नहीं ! अक्सर लोग यहाँ भरी गर्मी में तड़पते हुये रातें गुजारतें हैं !
भाजपा का गढ़ कहे जाने वाले दिमनी और तथाकथित किसान सरकार के चलते किसानों का आलम देखना है तो दिमनी से बेहतर नजारा कहीं देखने को न मिलेगा !
उल्लेखनीय है कि , भाजपा के पूर्व केबिनेट मंत्री और वर्तमान एग्रो चेयरमेन मुंशीलाल का गढ़ यही क्षेत्र है ! गर्मी के मौसम में होने वाली बीमारीयों से जूझते लोंगों को बिना बिजली अनेक भीषण बीमारीयों का भी शिकार होना पड़ रहा है !

 

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