शुक्रवार, अक्तूबर 26, 2007

कृषि उपभोक्ताओं के लिए उर्जा संरक्षण उपाय


चिट्ठाजगत अधिकृत कड़ी

कृषि उपभोक्ताओं के लिए उर्जा संरक्षण उपाय

मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने कृषि पंप उपभोक्ताओं को उर्जा संरक्षण के उपाय बताये हैं। कंपनी ने कहा कि ऊर्जा घटक और वोल्टेज में सुधार के लिए मोटर के साथ सही क्षमता वाले आई.एस.आई. मार्क शन्ट कैपेसिटर का प्रयोग किया जाना चाहिए। इससे बिजली की बचत होती है। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने अपने कार्य क्षेत्र के बिजली उपभोक्ताओं से अपील की है कि वे दिन में कुएं की बत्ती (पायलेट लेम्प) बंद रखें।

कंपनी ने कहा है कि घटिया मोटर-पंप सैट वास्तव में बिजली की ज्यादा खपत करते हैं और भविष्य में ज्यादा खर्चीले साबित होते हैं। इसलिए पंप खरीदते समय इनर्जी इफिशियन्ट पंप ही खरीदना चाहिए। कृषि उपभोक्ताओं को पाइप की ऊंचाई और क्षमता को ध्यान में रखते हुए उपयुक्त पंप सेट्स का प्रयोग करना चाहिए। बिजली की खपत को कम करने के लिए टयूब वेल में कम प्रतिरोधी (घर्षण) वाले फुटवाल्व लगाना चाहिए। ऊर्जा संरक्षण के लिए अच्छी गुणवत्ता वाले पी.वी.सी. सक्शन पाइप का प्रयोग करना चाहिए। इससे 20 प्रतिशत तक बिजली बच सकती है।

इसी तरह यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि पानी के तल से मोटर पंप तीन मीटर से अधिक ऊपर नहीं हो। पानी का निकास भूमि-तल के निकटतम होना चाहिए। सिंचाई पंप की बियरिंग्स को नुकसान से बचाने के लिए मोटर और पंप को एक सीध में ही रखना चाहिए। यह ऊर्जा को बेकार होने से बचाता है। सिंचाई पंपों को नियमित रूप से पंप निर्माता कंपनी के बताए तरीके के अनुसार तेल एवं ग्रीस देते रहना चाहिए।

 

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